जब गर्लफ्रेंड साथ नहीं होती, तब बल्ला होता है साथ
मनीष पांडेय ने कहा कि उनका बल्ला उनके लिए उनकी गर्लफ्रेंड की तरह है, क्योंकि जब गर्लफ्रेंड साथ नहीं होती, तब सिर्फ बल्ला ही उनके साथ होता है। वह कभी-कभार इससे बात भी करते हैं। एक शो में पांडेय ने कहा कि वह कभी-कभार अपने बल्ले से बात भी करते हैं। ये कुछ उस तरह का ही है, जैसे हम अपनी गर्लफ्रेंड से बात करते हैं। पांडेय ने कहा कि जब आप मैच खेल रहे होते हैं तो गर्लफ्रेंड आपके साथ नहीं होती। ऐसे में एक बल्ला ही है, आपके पास होता है। मनीष पांडेय ने बताया कि उनकी पांच गर्लफ्रेंड्स यानी बल्ले हैं।
बल्ले को नहीं दिया कोई निकनेम
मनीष पांडेय से जब यह पूछा गया कि गेंद बल्ले का किनारा लेकर कैच के लिए चली जाती है और आप आउट हो जाते हैं, तब आप बल्ले से क्या कहते हैं। इस पर मनीष ने बताया कि वह कहते हैं कि पहले ऐसे न थे तुम, अब बदल गए हो? साथ में उन्होंने यह भी जोड़ा, वह जब कभी ऐसा कहते हैं, तब बल्ला भी वापस से उनसे कहता है कि आप भी थोड़ा बदल गए हो। ये बेहद अहम है। जब मनीष पांडेय से पूछा गया कि उन्होंने गर्लफ्रेंड की तरह अपने बल्लों को बेबी, स्वीटी या अन्य कोई निकनेम दिया है तो उन्होंने कहा, नहीं। वह अपने बल्लों का नंबरिंग (1,2,3,4…) करते हैं। इसलिए कोई नाम नहीं दिया।
अंधविश्वासी हैं मनीष पांडेय
मनीष पांडेय ने कहा कि वह भी हर एक क्रिकेटर की तरह अंधविश्वासी हैं। हर क्रिकेटर की तरह वह भी यही सोचते हैं कि जिस बल्ले से अच्छा स्कोर बनाएं, वह उससे अगले कुछ मैचों में खेलें। अगर मैच के दौरान उनका कोई बल्ला टूट जाता है तो उन्हें बहुत दुख होता है, क्योंकि वह बड़े प्यार से उस बल्ले को मैच के लिए तैयार करते हैं और दुर्भाग्य से अगर वह टूट जाता है तो दुख होना स्वाभाविक है।