उन्होंने आगे बताया, “वाराणसी के सबसे बड़े स्टेडियम को तीन चरणों में तैयार किया गया है। पहले चरण में एक बहुउद्देश्यीय हॉल है और ओलंपिक आकार का स्विमिंग पूल है, जबकि दूसरे चरण में एक क्रिकेट ग्राउंड, एक राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र के साथ-साथ खिलाड़ियों और कोचों के लिए छात्रावास हैं। तीसरे चरण में एथलेटिक्स के लिए सिंथेटिक ट्रैक है।” जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने कहा, “कोई भी खिलाड़ी यहां अभ्यास के लिए आ सकता है। स्टेडियम को वाराणसी के खिलाड़ियों के लिए प्रतिबंधित नहीं किया गया है।”
वहीं, निशानेबाज सत्यम सिंह ने कहा कि सबसे खास बात यह है कि खिलाड़ियों के पास पहले इस तरह की कोई बुनियादी सुविधा नहीं थी। बच्चों को यह भी नहीं पता था कि शूटिंग क्या होती है या यह कैसे करते हैं। नए स्टेडियम के बनने से वे यहां आकर अभ्यास कर सकेंगे। जिला राइफल क्लब के कार्यकारी सदस्य पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि यह स्टेडियम क्षेत्र का सबसे अच्छा खेल केंद्र है। यहां 15 साल पहले ही यह सुविधा बन जानी चाहिए थी, लेकिन हम अन्य क्षेत्रों से बहुत पीछे हैं। हमारे पास अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं नहीं हैं। हमारे पास राज्य में अंतर्राष्ट्रीय शूटिंग रेंज की कमी है।”