सबा करीम ने जियो सिनेमा पर धोनी को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं। पूर्व सिलेक्टर ने बताया कि जब वह धोनी से मिले थे, तब बिहार के लिए दूसरे साल रणजी खेल रहे थे। उन्होंने बताया कि मुझे धोनी की बल्लेबाजी अभी भी याद है। जब वह बल्लेबाजी कर रहे थे, तब उनके पास शानदार प्रतिभा थी। हमने देखा कि वह कैसे स्पिनर या तेज गेंदबाज के खिलाफ बड़े लॉफ्टेड शॉट्स खेल रहे थे। हालांकि उस दौरान विकेटकीपर के तौर पर उनके फुटवर्क में थोड़ी कमी थी।
धोनी के करियर में महत्वपूर्ण मोड़
सबा ने बताया कि हमने उस समय धोनी की कमी को लेकर साथ काम किया था और उन्हें अभी भी यह याद है कि उन्हें क्या सिखाया था। जब हम बात करते थे, तो वह इस संबंध में बात करते थे। वह धोनी के करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। जहां वे आगे बढ़ रहे थे। हमने वनडे में उन्हें पारी की शुरुआत करने दी, क्योंकि वह मजबूत बल्लेबाजी के दम पर तेजी से रन बनाते थे।
त्रिकोणीय श्रृंखला में मचाया धमाल
सबा ने आगे बताया कि धोनी के करियर का दूसरा टर्निंग प्वाइंट भारत ए, पाकिस्तान ए और केन्या के बीच त्रिकोणीय श्रृंखला थी। धोनी को वहां मौका मिला, क्योंकि उस समय दिनेश कार्तिक नेशनल टीम का हिस्सा थे। उस सीरीज में धोनी ने शानदार विकेटकीपिंग की और उनकी बल्लेबाजी के बारे में तो पूछो ही मत। पाकिस्तान ए के खिलाफ दो बार खेला और धोनी ने सीरीज में शानदार बल्लेबाजी की।
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‘दुर्भाग्य से गांगुली ने पहले धोनी को खेलते नहीं देखा था’
पूर्व सेलेक्टर ने बताया कि यही उनके करियर का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट था और इसके बाद वह छा गए। मुझे याद है कि मैं उस समय कोलकाता में था और सौरव गांगुली टीम के कप्तान थे। मैं गांगुली से मिलकर बताना चहाता था कि एक विकेटकीपर है, जिसे टीम इंडिया में आना चाहिए। दुर्भाग्य से सौरव गांगुली ने पाकिस्तान दौरे से पहले धोनी को खेलते नहीं देखा था। इसलिए उस दौरे पर मौका नहीं मिल सका।