वर्ल्ड कप 2023 खत्म होने के बाद प्यूमा इंडिया को एक इंटरव्यू देते हुए शमी ने खुलासा किया है कि वर्ल्ड कप 2015 से पहले वे बुरी तरह चोटिल थे और घुटने में चोट के साथ उन्होंने टूर्नामेंट खेला। शमी ने कहा, ‘हम उस समय करीब साढ़े चार महीने तक ऑस्ट्रेलिया में थे। हमने वनडे, टेस्ट और टी-20 मैचों की सीरीज खेली थी। इस दौरान पहले ही टेस्ट मैच में मेरे घुटने में सूजन आ गई थी। बाद में ये बढ़ती गई। इसके चलते दूसरा टेस्ट मैच नहीं खेल पाया था। ऐसे में वर्ल्ड कप आते आते मेरे घुटने कि हालत और खराब हो गई।’
शमी ने आगे कहा, ‘हालत इतनी खराब थी कि कोई और होता तो वर्ल्ड कप नहीं खेलता। लेकिन मैं उतना दर्द झेल सकता हूं। मैं वो बर्दाश्त कर पाया। डॉक्टर और माही भाई ने एक ही सवाल किया था, ‘या तो जाकर ऑपरेशन करा लो या वर्ल्डकप खेलने के बाद ऑपरेशन कराओ?’ डॉक्टर ने बताया कि ऑपरेशन तो कराना ही होगा।’
शमी ने बताया कि डॉक्टर ने कहा अगर वर्ल्डकप खेला तो दर्द तो बहुत ज्यादा होगा। लेकिन आप वर्ल्डकप खेल सकते हो और अभी टीम को आपकी जरूरत है। तब मैंने एक ही बात पूछी कि ये घुटना बीच में तो साथ नहीं छोड़ देगा? अगर टूट भी जाए तो बीच वर्ल्डकप में ऐसा नहीं होना चाहिए, वर्ल्डकप खत्म हो जाए फिर जो हो। इस पर डॉक्टर ने कहा कि बीच में साथ नहीं छोड़ेगा, ये हमारी गारंटी है। मैंने कहा कि दर्द की कोई चिंता नहीं फिर।’
शमी ने बताया कि मैच के बाद जब सारी टीम होटल जाती थी तो वह अस्पताल जाते थे। हर मैच के बाद उन्हें इंजेक्शन लगते थे। शमी ने कहा, ‘किसी को नहीं पता था कि मैं कितना दर्द झेल रहा हूं. पूरे वर्ल्डकप में ठीक रहा लेकिन सेमी-फाइनल में 5 ओवर डालने के बाद मेरे पैर में कुछ भी फील होना बंद हो गया. पैर नंब हो गया था। मैं बाहर गया, फिर से इंजेक्शन लिया और वापस आकर गेंदबाजी की. लेकिन हम मैच हार गए। उतना अफसोस पैर का नहीं था, जितना मैच हारने का था।’