नई दिल्ली। भोपाल में आयोजित एशियन यूथ फेस्टीवल में शिरकत करने आई भारतीय महिला क्रिकेट कप्तान मिताली राज ने पत्रकारों से विश्वकप के फाइनल में भारत के हारने का वजह बताया। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड कप के फाइनल में टीम इंडिया जीत के बेहद नजदीक पहुंच गयी थी ,लेकिन दबाव के वजह से भारतीय क्रिकेट खिलाडी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए और भारतीय क्रिकेट टीम को मैच गवाना पड़ा ।हालांकि क्रिकेट कप्तान ने यह भी कहा कि वर्ल्ड कप का फाइनल खेलना हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है। मिताली ने स्थानीय स्तर पर क्रिकेटरों को मजबूत करने कि बात कही है । साथ ही यह भी कहा है कि महिला खिलाडियों को उचित अवसर दिया जाना चाहिए ।
पुरुष और महिला क्रिकेटरों में फर्क पाटने के जरूरत – महिला क्रिकेटर ने कहा कि जब 1983 के दौरान भारतीय पुरुष टीम ने वर्ल्ड कप जीता था तब से लेकर आज तक उन्हें जो स्टारडम मिला वह हमलोगों को नहीं मिल पाया ।हालांकि स्थितियां अब बदली हैं लेकिन अभी और भी इस फर्क को मिटाने की जरूरत है ,महिला क्रिकेट कप्तान ने भोपाल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान ये बात कही ।
आज ही के दिन मिताली ने बनाया था यह ऐतिहासिक रिकॉर्ड – जानकारी के लिए आपको बता दें कि मिताली राज ने 17 अगस्त 2002 को टांटन में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच के इतिहास की सर्वोच्च पारी खेलते हुए 2014 रनोंका विशाल स्कोर खड़ा किया था ।मिताली राज ने 15 साल पहले 19 साल की उम्र में टेस्ट मैच में 214 रनों की पारी खेली। जो उस समय टेस्ट की सर्वाधिक रनों की पारी रही। हालांकि यह रिकॉर्ड दो साल तक ही कायम रहा। राज ने ऑस्ट्रेलिया की करेन रोल्टन का रिकॉर्ड तोड़ा था। रोल्टन ने 2001 में इंग्लैंड के खिलाफ 209 रन बनाए थे। मिताली ने रोल्टन को पछाड़ते हुए 214 रन बनाए थे। मिताली के इस रिकॉर्ड को बाद में पकिस्तान की क्रिकेटर किरण बलूच ने 242 रनों की पारी खेल कर तोडा था ।