मशरफे मुर्तजा अब शुक्रवार को जिम्बाब्वे के खिलाफ अपनी राष्ट्रीय टीम का आखिरी बार कप्तानी करने उतरेंगे। इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि वह बांग्लादेश की कप्तानी छोड़ रहे हैं, लेकिन बतौर खिलाड़ी उनकी कोशिश अपना सर्वश्रेष्ठ देने की रहेगी। इस मौके पर उन्होंने टीम के अगले कप्तान को शुभकामनाएं भी दी। मुर्तजा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नया कप्तान जो भी बनेगा, वह टीम को ऊंचाइयों पर ले जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर टीम में उन्हें मौका मिलता है तो वह अपने अनुभवों से नए कप्तान की जरूर मदद करेंगे। इस मौके पर 36 साल के मुर्तजा ने यह भी कहा कि वह वनडे क्रिकेट खेलना जारी रखना चाहते हैं।
मशरफे मुर्तजा ने 2001 में बांग्लादेश के लिए पदार्पण किया था। उन्हें 2010 में वनडे टीम की कमान सौंपी गई। उनकी कप्तानी में ही बांग्लादेश ने पहली बार 2015 में विश्व कप के नॉकआउट में जगह बनाई थी। 2017 में उन्होंने अपनी टीम को चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में पहुंचाया था। मुर्तजा का ओवरऑल कप्तानी रिकॉर्ड भी काफी अच्छा है। उन्होंने अब तक 87 मैचों में अपने देश की टीम की कप्तानी की है। इसमें 49 में जीत और 36 में उन्हें हार मिली है। बांग्लादेश की टीम को देखते हुए यह रिकॉर्ड शानदार कहा जाएगा।
अवामी लीग के सांसद भी हैं मुर्तजा
मशरफे मुर्तजा राजनीति में भी सक्रिय हैं। वह अवामी लीग की टिकट पर 2018 में नरेल जिले से सांसद चुने गए थे। वह कितने लोकप्रिय हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने निकटम प्रतिद्वंद्वी को ढाई लाख से भी ज्यादा वोटों से हराया था।