हितों से टकराव के कारण उनका दावा है मजबूत
एक मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हितों के टकराव से बचने के लिए बीसीसीआई लक्ष्मण शिवरामकृष्णन को यह पद सौंप सकती है। लक्ष्मण फिलहाल कॉमेंट्री करते हैं, लेकिन मुख्य चयनकर्ता का पद स्वीकारने के बाद वह कमेंट्री नहीं कर पाएंगे। बीसीसीआई की बात उनसे चल रही है।
मामला सिर्फ हितों के टकराव का ही नहीं है। वेतन भी एक अहम मुद्दा है। बीसीसीआई ने जिन अनुभवी खिलाड़ियों से इस पद के लिए बात की, उन्होंने कम वेतन होने की बात कह कर इस पद पर आने से अनिच्छा जताई है। वहीं शिवरामाकृष्णन खुद इस पद को लेकर उत्सुकता दिखा रहे हैं। हालांकि खबर की मानें तो इस बार बीसीसीआई मुख्य चयनकर्ता का वेतन बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपए सालाना कर सकता है। वहीं चार अन्य चयनकर्ताओं का वेतन बढ़कर 1.2 करोड़ रुपए किया जा सकता है।
शिवराम कृष्णन भारतीय क्रिकेट टीम के लिए साल 1983 से 1987 के बीच में 9 टेस्ट और 16 वनडे मैच खेल चुके हैं। उनकी गिनती अपने समय के काफी प्रतिभाशाली स्पिनरों में होती थी। अचानक उनकी लय बिगड़ जाने के कारण वह अपना करियर लंबा नहीं खींच पाए। बता दें कि मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद के अलावा चयनकर्ता गगन खोड़ा का कार्यकाल भी इस साल पूरा हो रहा है। उनकी जगह भी किसी नए व्यक्ति को मिल सकती है, जबकि अन्य तीन चयनकर्ता जतिन परांजपे, देबांग गांधी और शरनदीप सिंह का कार्यकाल 2020 है।