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अपने समय के स्विंग के जादूगर थे अकरम –
भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर वसीम अकरम को बाएं हाथ का सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज मानते हैं। करीब 20 साल तक चले इंटरनेशनल करियर में वसीम अकरम ने कई उपलब्धियों को अपने नाम किया। 90 के दशक में वसीम अकरम तेज गेंदबाजी अग्रदूत की भूमिका में रहे। उनकी गेंदबाजी का उस समय कोई भी सानी नहीं था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वसीम के नाम 916 विकेट दर्ज हैं। इसके अलावा वह वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे पहले 500 विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। वही साल 1992 में पाकिस्तान को क्रिकेट वर्ल्ड कप (Cricket World Cup) जिताने में वसीम अकरम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
अपने समय के स्विंग के जादूगर थे अकरम –
भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर वसीम अकरम को बाएं हाथ का सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज मानते हैं। करीब 20 साल तक चले इंटरनेशनल करियर में वसीम अकरम ने कई उपलब्धियों को अपने नाम किया। 90 के दशक में वसीम अकरम तेज गेंदबाजी अग्रदूत की भूमिका में रहे। उनकी गेंदबाजी का उस समय कोई भी सानी नहीं था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वसीम के नाम 916 विकेट दर्ज हैं। इसके अलावा वह वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे पहले 500 विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। वही साल 1992 में पाकिस्तान को क्रिकेट वर्ल्ड कप (Cricket World Cup) जिताने में वसीम अकरम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
बिना फर्स्ट क्लास खेले डेब्यू किया –
कहते हैं पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। कुछ ऐसा ही वसीम अकरम में पूर्व कप्तान इमरान खान और जावेद मियांदाद ने देखा। गौरतलब है कि वसीम अकरम को 1985 में पाकिस्तान के लिए डेब्यू (wasim akram debue) करने का मौका मिला। उन्हें बिना कोई फर्स्ट क्लास मैच खेले, यह अवसर प्राप्त हुआ। उस समय पाकिस्तान टीम न्यूजीलैंड के दौरे पर थी और यह 19 साल का नौसिखिया टीम के साथ था। उस दौरे पर वसीम को बहुत कम लोग जानते थे लेकिन दूसरे ही मैच में उन्होंने 10 विकेट निकालकर अपनी पहचान का डंका पूरे विश्व में बजा दिया।
कहते हैं पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। कुछ ऐसा ही वसीम अकरम में पूर्व कप्तान इमरान खान और जावेद मियांदाद ने देखा। गौरतलब है कि वसीम अकरम को 1985 में पाकिस्तान के लिए डेब्यू (wasim akram debue) करने का मौका मिला। उन्हें बिना कोई फर्स्ट क्लास मैच खेले, यह अवसर प्राप्त हुआ। उस समय पाकिस्तान टीम न्यूजीलैंड के दौरे पर थी और यह 19 साल का नौसिखिया टीम के साथ था। उस दौरे पर वसीम को बहुत कम लोग जानते थे लेकिन दूसरे ही मैच में उन्होंने 10 विकेट निकालकर अपनी पहचान का डंका पूरे विश्व में बजा दिया।
जोड़ी में और घातक साबित होते थे अकरम –
जैसे आज टेस्ट क्रिकेट में जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड की खतरनाक जोड़ी है। उसी तरह 90 के दशक में वसीम अकरम और वकार यूनुस की जोड़ी को माना जाता था। क्रिकेट में कहा गया है “Its all about hunting in pairs” यानी की जोड़ी में शिकार करने का अपना अलग ही मजा है। वसीम अकरम और वकार यूनुस ने पाकिस्तान के लिए जोड़ी में ढेरों विकेट निकाले। अकरम और वकार मैदान पर गेंद से कहर बरपाते थे। लेकिन दोनों के बीच नजदीकियां कभी नहीं हुई, 1992 क्रिकेट वर्ल्ड कप में इंग्लैंड को खासतौर पर वसीम अकरम की याद जरूर आती होगी। उन्होंने फाइनल मुकाबले में एलेन लैंब और क्रिस लुइस को जिस अंदाज में आउट किया, वह आज भी क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में समाया हुआ है। वसीम अकरम की वजह से ही पाकिस्तान 1992 में वर्ल्ड चैंपियन बन पाया था। साथ ही इसके बाद से ही वसीम अकरम को स्विंग का जादूगर (Magician of Swing) कहा जाने लगा
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