ग्रेव अक्टूबर 2024 में क्रिकेट वेस्ट इंडीज के सीईओ का पद छोड़ रहे हैं और उनके मुताबिक़ यह पहल टेस्ट क्रिकेट को बचाने में बड़ा क़दम साबित नहीं हो पाएगी। ग्रेव ने टॉकस्पोर्ट पॉडकास्ट पर कहा, “एक खेल के रूप में क्रिकेट के बारे में एक लीग की तरह सोचना होगा और हर किसी के बिज़नेस मॉडल को भी समझना होगा। बिग थ्री की ओर से टेस्ट फ़ंड एक सकारात्मक पहल है लेकिन मुझे नहीं पता कि प्रति वर्ष डेढ़ करोड़ अमेरिकी डॉलर की इस राशि से कोई प्रभाव पड़ेगा या नहीं। जब मैंने प्रेस में 10 हज़ार अमेरिकी डॉलर के बारे में पढ़ा तो मुझे हंसी आ गई। हम अपने खिलाड़ियों को 10 हज़ार अमेरिकी डॉलर ही देते हैं। इसलिए मैंने सोचा, ‘इससे टेस्ट क्रिकेट कैसे बदल जाएगा? और यह कैसे टेस्ट क्रिकेट को बचा पाने में सक्षम हो जाएगा? वो भी तब जब यह राशि पहले ही हमारे खिलाड़ियों को प्राप्त हो रही है?’ यह हमारे लिए तो प्रभावी साबित नहीं हो पाएगा।”
हालांकि ग्रेव ने कहा कि प्रस्तावित टेस्ट फ़ंड बिग थ्री की मानसिकता में बदलाव के संकेत हैं, जिसके तहत उनके भीतर एक दूसरे के अलावा किसी मज़बूत विपक्ष के न होने की इच्छा समाहित थी। ग्रेव के अनुसार 2024 में वेस्टइंडीज़ का टी20 विश्व कप की मेज़बानी करना और 2027 के वनडे विश्व कप की मेज़बानी दक्षिण अफ़्रीका, ज़िम्बाब्वे और नामीबिया को मिलना बिग थ्री की मानसिकता में आए बदलाव का ही परिचायक है।