जोगिंदर को पहचान मिली भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ल्ड टी20 टूर्नामेंट के फाइनल मैच से। मैच का फाइनल ऑवर डालने के लिए कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने तेज गेंदबाज जोगिंदर शर्मा को गेंद थमाई। धोनी के इस फैसले को उस समय कई क्रिकेट जानकारों ने अनुभवहीनता बताई। पाकिस्तान को अंतिम ओवर में जीत के लिए 13 रन की जरूरत थी और सामने थे मिस्बाह उल हक, उसके पास केवल एक विकेट बाकी था।
जोगिंदर की पहली बॉल वाइड रही। इसके बाद पहली बॉल पर कोई रन नहीं बना और अब जीत के लिए पांच गेंद में 12 रन चाहिए थे। दूसरी गेंद पर मिस्बाह ने छक्का जमा दिया। अब पाकिस्तान को जीत के लिए चार गेंद में केवल छह रन चाहिए थे और जीत की उसकी झोली में थी। जोगिंदर ने चौथी गेंद फुल लैंथ पर डाली और इस पर मिस्बाह ने शॉर्ट फाइन लेग के ऊपर से स्कूप शॉट खेलने की कोशिश की। गेंद की रफ्तार ज्यादा रहने से शॉट लंबा जाने के बजाय उछल गया और वहां खड़े श्रीसंत ने कैच लपक लिया। इसी के साथ जोगिंदर शर्मा हीरो बन गए।
2011 में उनका खतरनाक एक्सीडेंट हो गया था। इसमें उनके सिर पर गहरी चोट लगी थी और डॉक्टर्स ने उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन जोगिंदर ने वापसी करते हुए मौत को हरा दिया। वर्तमान में वे हरियाणा पुलिस में डीएसपी के पद पर हैं।