भारतीय तेज गेंदबाजों की हुई थी जबरदस्त धुनाई
इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के सिर्फ दो विकेट गिरे थे और यह दोनों विकेट हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने लिए थे। इस मैच में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting), डेमियन मार्टिन (Damien Martin) और एडम गिलक्रिस्ट (Adam Gilchrist) ने मिलकर भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान, आशीष नेहरा और जवागल श्रीनाथ की जमकर धुनाई की थी। इन तीनों ने अपने कोटे में 211 रन खर्च कर दिए थे और किसी को एक भी विकेट नहीं मिला था। श्रीनाथ ने 10 ओवर में 87 रन दिए थे। अब श्रीनाथ ने कहा कि 2003 विश्व कप का फाइनल जीतकर वह अपने करियर को परफेक्ट तरीके से खत्म कर सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका था।
दुनिया की सबसे बेहतर टीम के खिलाफ हम जीत सकते थे
श्रीनाथ ने कहा कि 2003 विश्व कप फाइनल टीम इंडिया जीत सकती थी, लेकिन यह याद रखना होगा कि उस वक्त हम दुनिया की सबसे अच्छी टीम के खिलाफ खेल रहे थे। वह टीम जबरदस्त फॉर्म में थी और कोई भी उनके आस-पास नहीं पहुंच पा रहा था। हम फाइनल हार गए और वह इस मैच में कुछ नहीं कर पाए। श्रीनाथ ने कहा कि वह फाइनल मैच जीतना उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि हो सकती थी, लेकिन जिंदगी में आपको सबकुछ नहीं मिलता।
अलग ट्राई किया होता तो नतीजा बदल सकता था
श्रीनाथ ने कहा कि माना कि ऑस्ट्रेलिया उस समय सर्वश्रेष्ठ टीम थी, लेकिन भारत ने कुछ चीजें अलग तरीके से की होतीं तो शायद नतीजा कुछ और हो जाता। उन्होंने कहा कि इस बारे में हमने बात की थी। क्या अगर हम पहले बल्लेबाजी करते तो कुछ और होता? लेकिन ये सब बातें मैच के बाद हो रही थी। उन्हें बस यही लगता है कि ऑस्ट्रेलिया बेहतर टीम थी। उसी टीम ने इससे पहले वाला विश्व कप भी जीता था। उन्हें लगता है कि उस समय हम सभी को अपनी क्षमता से दोगुना अच्छा खेलने की जरूरत थी। शायद यह सर्वश्रेष्ठ तरीका होता।