सिर्फ खिलाड़ी को दोष देना ठीक नहीं
पूर्व दिग्गजों का मानना है कि नीलामी में किसी खिलाड़ी पर सबसे बड़ा दांव लगाने का मतलब यह नहीं है कि आप चैंपियन बन जाओगे। आइपीएल एक लंबा टूर्नामेंट है और चैंपियन बनने के लिए एक टीम को करीब 16-17 मैच खेलने पड़ते हैं। ऐसे में टीम के प्रत्येक खिलाड़ी की भूमिका अहम हो जाती है और आपको लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा। किसी भी एक खिलाड़ी पर आप ना तो पूरा भार डाल सकते हैं और ना ही उसे खराब प्रदर्शन के लिए दोष दे सकते हैं।
उम्मीदों पर खरे उतरे हैं खिलाड़ी
आईपीएल के पिछले रेकॉर्ड पर गौर करें तो नीलामी में खरीदे गए सबसे महंगे खिलाडिय़ों ने अच्छा और संतोषजनक प्रदर्शन अपनी टीमों के लिए किया है। पिछले सीजन पंजाब किंग्स ने इंग्लैंड के सैम करेन को रेकॉर्ड 18.5 करोड़ रुपए में खरीदा था। पंजाब की टीम भले ही आठवें स्थान पर रही लेकिन करेन ने 14 मैचों में 276 रन बनाए और 10 विकेट भी चटकाए।
2013 में आखिरी बार चैंपियन बनी महंगा खिलाड़ी खरीदने वाली टीम
मुंबई इंडियंस ने 2013 में ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल को नीलामी में सर्वाधिक 6.3 करोड़ रुपए में खरीदा। हालांकि मैक्सवेल चोटिल होने के कारण सिर्फ तीन मैच ही खेल सके और इस दौरान उन्होंने 23 रन बनाए। लेकिन उनकी टीम मुंबई इंडियंस ने रोहित शर्मा की कप्तानी में चेन्नई सुपरकिंग्स को फाइनल में हराया और पहली बार खिताब जीता। लेकिन इसके बाद कभी कोई टीम महंगा खिलाड़ी खरीदने के बावजूद चैंपियन नहीं बन सकी।
पिछले पांच सीजन में नीलामी में बिके सबसे महंगे खिलाड़ी और टीम का प्रदर्शन