सबसे पहला नियम है एक फ्रेंचाइजी अधिकतम छह खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती है या तो रिटेंशन चरण में या मेगा नीलामी के दौरान राइट-टू-मैच कार्ड के माध्यम से। इनमें से अधिकतम पांच खिलाड़ी कैप्ड हो सकते हैं, जबकि अधिकतम दो खिलाड़ी अनकैप्ड हो सकते हैं।
राइट टू मैच नियम पहली बार 2017 में लागू किया गया था, लेकिन इसे 2022 के मेगा ऑक्शन में हटा दिया गया था। अब इसे फिर से लागू किया गया है। यह नियम फ्रेंचाइजी को उस खिलाड़ी को वापस खरीदने का मौका देता है, जो पिछले सीजन में उस टीम का हिस्सा था।
रिलीज होने के बाद जब कोई खिलाड़ी नीलामी में जाता है तो कई टीमें उस पर बोली लगाती हैं। बोली लगने के बाद रिलीज करने वाली टीम से पूछा जाता है कि क्या वो इस खिलाड़ी के लिए आरटीएम का इस्तेमाल करना चाहती हैं?
यानी पिछले सीजन में किसी टीम का खिलाड़ी अब नीलामी में फिर से बिक रहा है तो उस टीम को “आरटीएम कार्ड” मिलता है। इसका मतलब है कि वो खिलाड़ी को वापस खरीद सकती है। ऐसे में पुरानी टीम आरटीएम का इस्तेमाल करती है तो उसे उस प्लेयर पर नीलामी में लगाई गई आखिरी बोली जितने पैसे देने पड़ते हैं। वहीं, अगर पुरानी टीम आरटीएम का उपयोग नहीं करती तो आखिरी बोली लगाने वाली टीम उस खिलाड़ी को खरीद लेती है।
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