तैयार नहीं है पूरा शेड्यूल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अभी पूरा शेड्यूल तैयार नहीं हुआ है, लेकिन यह तय है कि टूर्नामेंट का फाइनल 24 मई को होगा और इसकी शुरुआत 29 मार्च को होगी। यानी इस बार यह मुकाबला 57 दिन तक चलेगा, जबकि पिछले साल 45 दिन तक चला था। ऐसे में एक दिन में एक मैच करवाने में कोई कोई समस्या नहीं है।
प्रसारणकर्ता मैच के समय में तब्दीली चाहते थे। वह चाहते थे कि मैच रात आठ बजे के बदले साढ़े सात बजे से हो। इस बार शेड्यूल में समय बदलकर साढ़े सात बजे शाम का कर दिया गया है। इसकी एक वजह यह भी है कि पिछले सीजन में अधिकतर मैच देर रात तक चले थे। इसलिए यह निर्णय लिया गया है। सूत्र ने कहा कि टीआरपी एक अहम सवाल जरूर है। लेकिन सिर्फ इस नजरिये से मत देखिए। यह भी देखिए कि पिछले साल कितने देर तक मैच चले। इससे उन्हें भी परेशानी हुई, जो दर्शक स्टेडियम में मैच देखने आए थे। उन्हें वापस घर जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ा। इन सब चीजों के बारे में बात की गई और संभव है कि इस सीजन में मैच शाम साढ़े सात बजे शुरू हो।
हालांकि फ्रेंचाइजी का मानना है कि जिस समय मैच शुरू करने की बात कही जा रही है, उस समय तक दर्शकों के लिए अपना काम खत्म कर स्टेडियम आना नामुमकिन है। एक फ्रैंचाइजी के अधिकारी ने कहा कि दिल्ली, मुंबई या बेंगलूरु जैसे महानगर में लोगों को ट्रैफिक की भारी समस्या से जूझना पड़ता है। ऐसे में क्या वह छह बजे शाम को दफ्तर से निकल कर शाम साढ़े सात से पहले तक स्टेडियम में पहुंच सकते हैं? यह मुश्किल लगता है। इसलिए मैच शुरू करने का समय बदलने से पहले इस पहलू पर भी गौर किया जाना चाहिए।
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दोपहर के मैचों में यह थी परेशानी
फ्रेंचाइजी के अधिकारी का कहना है कि प्रसारणकर्ता चार बजे के मैच को लेकर अधिक उत्साहित नहीं थे, लेकिन सूत्र का कहना है कि यहां कमाई भी बड़ा सवाल था। उन्होंने कहा कि क्या आपको लगता है कि सिर्फ प्रसारणकर्ताओं को ही इससे परेशानी थी? फ्रेंचाइजी को भी दोपहर के मैचों में स्टैंड भरने में परेशानी हो रही थी। इसलिए अच्छा यही है कि दोपहर के मैचों को गुडबाई कहा जाए और एक दिन में एक ही मैच पर ध्यान दिया जाए।