दिवाली के ठीक पहले होने का भी मिलेगा फायदा
गोयल का मानना है कि आईपीएल के आधिकारिक ब्रॉडकास्टर स्टार (IPL Official broadcaster star India) के लिए यह अच्छा ही है कि यह दिवाली (Diwali) से ठीक पहले हो रहा है। इसलिए इसकी मांग अच्छी रहनी चाहिए। यही कारण है कि ब्रॉडकास्टर को उम्मीद है कि पिछले साल की तरह ही इस साल भी राजस्व में बढ़ोतरी होगी। पिछले साल स्टार इंडिया को विज्ञापन से करीब 2,000-2,200 करोड़ रुपए मिले थे, जबकि हॉटस्टार पर विज्ञापन से लगभग 600 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। इस बार बढ़कर 3,000 करोड़ रुपए तक जाने की उम्मीद है।
पिछले साल 15 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई थी
मनी कंट्रोल में छपी खबर के अनुसार, आईपीएल टीम स्पॉन्सरशिप 2019 में पिछले साल 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के आंकड़ों के अनुसार आईपीएल 2019 (IPL 2019) के दौरान 246 ब्रांडों ने विज्ञापन दिया था। इसके अलावा, आईपीएल मैचों के लाइव प्रसारण और मैच हाइलाइट्स के दौरान 158 ब्रांडों का विज्ञापन किया गया। गोयल को लगता है कि मोबाइल, एडटेक, शराब, दोपहिया वाहन और कार कंपनियां इस साल विज्ञापन पर ज्यादा खर्च करने वाली होंगी। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाएं भी इसमें जुड़ जाएंगी।
दिवाली का मिलेगा फायदा
कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार आईपीएल दिवाली के समय में खेला जाएगा, यह समय ब्रांडों को फिर से अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए अच्छा मौका है। इसके साथ ही बाजार के जानकारों का मानना है कि दिवाली के आसपास अर्थव्यवस्था में भी सुधार आएगा। उन्हें लगता है कि आईपीएल मूड बदलने का काम करेगा, क्योंकि हम कठिन दौर से गुजरे हैं। आईपीएल पहली बार दिवाली के आसपास आ रहा है। इससे सोचने की दिशा बदलेगी।
ब्रांडों के लिए अनदेखी करना मुश्किल होगा
पूरे साल का 40-45 प्रतिशत विज्ञापन गणपति उत्सव से लेकर नए साल के बीच होता है। इस दौरान आईपीएल मूड बदलने वाला होगा। डेंटसु एजिस नेटवर्क के सीईओ और एपीएसी चेयरमैन आशीष भसीन ने कहा कि उनके पास ऐसे क्लाइंट हैं, जो आईपीएल के दौरान बड़े विज्ञापनदाता और नियमित विज्ञापनदाता हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय विज्ञापन बाजार सेंटिमेंटस से जुड़ा है। फिलहाल यह सेंटिमेंट्स नीचे है, लेकिन शायद एकमात्र आईपीएल में ही ऐसा गुण है, जिसमें सेंटिमेंट्स को ऊंचा करने की क्षमता है। इसलिए यह दिवाली जैसे त्योहार के साथ खेल का सबसे बड़ा त्योहार है। ब्रांडों के लिए इसकी अनदेखी करना मुश्किल होगा।
नई जगह पर होने से यह होगा नुकसान
ऐसा भी नहीं है कि आईपीएल के आयोजन की जगह बदलने से कोई नुकसान नहीं होगा। इससे ग्राउंड स्पांसरशिप के मामले में फ्रेंचाइजी गेट मनी खो देंगे। गोयल ने कहा कि ग्राउंड स्पॉन्सरशिप अच्छी बनी रहनी चाहिए, क्योंकि वास्तव में इनका वैल्यू टीवी एक्सपोजर से तय होता है, लेकिन फ्रेंचाइजी को गेट मनी और ग्राउंड स्पॉन्सरशिप पर कुछ नहीं मिल पाएगा। हालांकि वह साथ में यह भी कहते हैं कि उन्हें यकीन है कि इसके लिए फ्रेंचाइजियों को कुछ मुआवजा मिल सकता है। इस पर भी काम किया जाना चाहिए। बता दें कि जब टिकट राजस्व की बात आती है, तो 80 प्रतिशत टिकट आईपीएल फ्रेंचाइजी की ओर से अपने घरेलू खेलों के लिए बेचे जाते हैं। टिकट बिक्री से एक मैच से करीब 3-5 करोड़ रुपए आते हैं या कुल मिलाकर तकरीबन 300 करोड़ रुपए। भसीन के अनुसार, ग्राउंड स्पॉन्सरशिप को टीवी के नजरिये से प्रभावित नहीं किया जा सकता है। स्टेडियमों के पास प्रमोशन वाली जमीनी गतिविधियां से वह प्रभावित होती है। जैसे मैच के दौरान क्लब, रेस्तरां और आईपीएल नाइट जैसी गतिविधियों की एक समानांतर धारा बनती है और यह सब वहीं होता है जहां मैच खेले जा रहे होते हैं, इस बार इस तरह की तमाम गतिविधियों के बंद रहने की उम्मीद है।