1996 के बाद पहली बार पाकिस्तान में होगा इंटरनेशनल क्रिकेट इंवेंट
पाकिस्तान 1996 वर्ल्ड कप के बाद अपने पहले इंटरनेशनल क्रिकेट इंवेंट की मेजबानी के लिए तैयारी कर रहा है। भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक तनाव के चलते टीम इंडिया इस इस टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान नहीं जा रहा है। ऐसे में अब यह टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल में खेला जा रहा है और भारत अपने सभी मुक़ाबला दुबई में खेलेगा।
‘मिनी वर्ल्ड कप’ के नाम से जाना जाता था टूर्नामेंट
वनडे वर्ल्ड कप का पहला संस्करण 1975 में खेला गया था, जबकि चैंपियंस ट्रॉफी का उद्घाटन 1998 में किया हुआ था। शुरुआत में इसे ‘मिनी वर्ल्ड कप’ के नाम से जाना जाता था। तब इसका ऑफिशियल नाम ‘ICC नॉकआउट’ था। जो बाद में 2002 से चैंपियंस ट्रॉफी हो गया। इसके पहले सीजन की मेजबानी बांग्लादेश ने की थी। दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज ने फ़ाइनल में जगह बनाई थी। उस मैच में अफ्रीका ने कैरेबियाई टीम को चार विकेट से हरा खिताब अपने नाम किया था।
1998 और 2000 में नॉकआउट अंदाज़ में खेला गया टूर्नामेंट
चैंपियंस ट्रॉफी का दूसरा सीजन 2000 में केन्या में हुआ, तब फाइनल में भारतीय टीम को हराकर न्यूजीलैंड ने खिताब जीता था। 1998 और 2000 में खेले गए शुरुआती 2 सीजन में 8 टीमों के बीच सीधे नॉकआउट मैच हुए थे। हालांकि, तीसरे सीजन से इसमें बदलाव हुए। 2002 में न सिर्फ इस टूर्नामेंट का नाम बदला, बल्कि इसे लीग फॉर्मेट में खेला जाने लगा। श्रीलंका में खेले गए इस तीसरे सीजन को भारतीय टीम और श्रीलंका ने संयुक्त रूप से इसे अपने नाम किया।
आतंकी हमले के चलते नहीं हुआ पांचवां सीजन
2004 में इसका चौथा सीजन इंग्लैंड में खेला गया। तब इंग्लिश टीम को वेस्टइंडीज ने हराकर यह खिताब अपने नाम किया। जबकि 2006 सीजन भारत की मेजबानी में हु। लेकिन फाइनल में वेस्टइंडीज को हराकर इस बार ऑस्ट्रेलिया ने खिताब जीता। इसका पांचवां सीजन 2008 में दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी में होना था। मगर आतंकी हमले के चलते इसे टाल दिया गया।
चैम्पियंस ट्रॉफी को 4 साल के अंतराल में कराने का फैसला
दरअसल, 2008 में ही पाकिस्तान दौरे पर गई श्रीलंकाई टीम की बस पर आतंकी हमला हुआ था। जिसके बाद चैम्पियंस ट्रॉफी को 2009 में कराया गया। इसके साथ ही हर 2 साल की बजाए चैम्पियंस ट्रॉफी को 4 साल के अंतराल में कराने का फैसला किया गया। 2009 से, इस टूर्नामेंट में 8 टीमें राउंड-रॉबिन प्रारूप में 2 ग्रुप में बंटी होती है, जिसमें प्रत्येक ग्रुप की शीर्ष-2 टीमें सेमीफाइनल में खेलती हैं।
2021 में कोरोना के कारण टली चैम्पियंस ट्रॉफी
2009 में दक्षिण अफ्रीका में ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी बार आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी जीती। इसके 4 साल बाद इंग्लैंड में 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने खिताब जीता। जबकि 2017 में पहली बार पाकिस्तान ने भारत को फ़ाइनल में हराकर इसे अपने नाम किया। इसके बाद 2021 में टूर्नामेंट होना था, लेकिन कोरोना के कारण इसे टाल दिया गया। अब करीब 8 साल बाद यह टूर्नामेंट दोबारा कराया जा रहा है।
भारत ने श्रीलंका के साथ शेयर किया था 2002 का खिताब
चैंपियंस ट्रॉफी के अब तक कुल 8 सीजन खेले जा चुके हैं, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने 2006 और 2009 में ट्रॉफी अपने नाम की थी। भारत भी 2 बार चैंपियन बना है, लेकिन दोनों बार उसे पूर्ण चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त नहीं हुआ। 2013 में भारतीय टीम विजेता रही थी लेकिन 2002 में उसे श्रीलंका के साथ खिताब साझा करना पड़ा था। वहीं पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज ने एक-एक बार खिताब पर कब्जा जमाया है।
चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में सबसे ज्यादा रन
चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड क्रिस गेल के नाम पर दर्ज है। गेल ने 17 मैचों में 52.73 की औसत के साथ 791 रन बनाए हैं, जिसमें 3 शतक शामिल हैं। दूसरे नंबर पर श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने का नाम आत है। जयवर्धने ने 22 मैचों में 41.22 की औसत के साथ 742 रन बनाए हैं। उन्होंने 5 अर्धशतक लगाए हैं। वहीं इस सूची में तीसरे स्थान पर पूर्व भारतीय खब्बू बल्लेबाज शिखर धवन है। धवन ने 77.88 की औसत से 701 रन बनाए है।
चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट
गेंदबाजों की बात करें तो चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज काइल मिल्स ने चटकाए हैं। उन्होंने 15 मैचों में 17.25 की औसत से 28 विकेट लिए हैं। दूसरे नंबर पर श्रीलंका के लसिथ मलिंगा हैं। मलिंगा ने 30.64 की औसत से 25 विकेट अपने नाम किए हैं। वहीं श्रीलंका के एक और दिग्गज मुथैया मुरलीधरन ने 20.16 की औसत से 24 विकेट चटकाए हैं। भारतीय गेंदबाजों की बात करें तो रविंद्र जडेजा ने 10 मैचों में 25.18 की औसत से 16 विकेट लिए हैं।