आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान मार्क टेलर ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड से बातचीत में कहा है कि इंदौर की पिच को जो रेटिंग दी गई है, मैं उससे सहमत हूं। मुझे निश्चित रूप से यह लगता है कि बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में इस्तेमाल पिचें पूरी तरह से खराब रहीं। उन्होंने कहा कि इंदौर की पिच तीनों पिचों में सबसे ज्यादा खराब थी। पिच पर पहले दिन से ही स्पिन गेंदबाजों को इतनी अधिक मदद नहीं मिलनी चाहिए।
डिमेरिट अंक मिलने से गावस्कर नाखुश
वहीं, भारत के पूर्व बल्लेबाज सुनील गावस्कर इंदौर की पिच को डिमेरिट अंक दिए जाने से खुश नहीं है। गावस्कर ने गाबा की पिच का उदाहरण देते हुए कहा कि दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट दो दिन में समाप्त होने के बावजूद आईसीसी ने ‘औसत से खराब’ रेटिंग दी थी। इस पर टेलर ने असहमति जताते हुए कहा कि ब्रिसबेन की पिच दोनों टीमों के लिए एक समान थी। जबकि भारत में पूरी तरह से स्पिन गेंदबाजों की मददगार पिच बनाई गई थीं।
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भारत की सोच से बेहतर प्रदर्शन
मार्क टेलर ने आगे कहा कि गाबा की पिच पर दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाजों को भी उतनी ही मदद मिली, क्योंकि उनके पास 4 अच्छे तेज गेंदबाज थे। लेकिन, भारतीय पिचों के मामले में ऐसा बिलकुल नहीं है। यहां चालबाजी के साथ इस तरह की पिच तैयार की गई हैं। इससे हमारे स्पिनर गेंदबाजों को हुनर दिखाने का अवसर मिला और उन्होंने भारत की सोच से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया।
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