बता दें कि जडेजा ने जुलाई 2022 में बर्मिघम में इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी बार टेस्ट मैच खेला था। उन्होंने अपने दाहिने घुटने की सर्जरी कराने के निर्णय के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं मैं घुटने के साथ संघर्ष कर रहा था और मुझे सर्जरी करवानी पड़ी, लेकिन मुझे यह फैसला करना था कि मुझे इसे (टी20) विश्व कप से पहले करना है या बाद में। उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने भी मुझे विश्व कप से पहले सर्जरी की सलाह दी थी।
… काश मैं वहां खेल पाता
जडेजा ने बताया कि सर्जरी के बाद रिहैब और ट्रेनिंग करना काफी कठिन था। उन्होंने कहा कि कभी-कभी आपके मन में विचार आते हैं। जैसे मैं कब फिट होऊंगा या कब फिट नहीं रहूंगा। जब आप टीवी पर मैच देखते हैं, जैसे (टी20) विश्व कप, तो मुझे अहसास होने लगा काश मैं वहां खेल पाता। लेकिन, वे छोटी-छोटी बातें भी आपको प्रेरित करती हैं कि आपको वापस आने के लिए अच्छी तरह से रिहैब करना होगा।
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‘छुट्टी के दिन भी होता था मेरा इलाज’
उन्होंने कहा कि एनसीए में फिजियो और प्रशिक्षकों ने मेरे घुटने पर बहुत काम किया। उन्होंने मुझे इतना समय दिया और भले ही एनसीए में रविवार को छुट्टी हो वे विशेष रूप से आते और मेरा इलाज करते। उन्होंने मुझ पर बहुत काम किया है। जैसे दो, तीन हफ्ते मैं बैंगलोर में रहा करता था। फिर मैं अपने दिमाग को तरोताजा करने के लिए घर वापस चला जाता था।
‘चल भी नहीं पाता था’
उन्होंने आगे कहा कि मुझे जितना संभव हो सके बैंगलोर में रहना होता था, ताकि यह मेरी तेजी से रिकवरी में मदद करे। लेकिन, चोट के दो महीने बाद बहुत कठिन था, क्योंकि मैं चलने या कहीं जाने में सक्षम नहीं था। इसलिए वह समय बहुत क्रिटिकल था और इस चरण में मेरे दोस्त और परिवार हमेशा मेरा समर्थन करते रहे थे।
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