कोहली ने पर्थ में भारत की 295 रन की जीत के दौरान दूसरी पारी में नाबाद शतक बनाया था, लेकिन इसके बाद के मैचों में उनके प्रदर्शन में निरंतरता नहीं दिखी। उनके स्कोर 7, 11, 3, 36 और 5 रहे। सबसे चिंता की बात यह रही कि मौजूदा सीरीज में उनके सभी छह आउट ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर शॉट खेलने की वजह से हुए।
माइकल क्लार्क ने कहा, मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलिया ने अच्छी गेंदबाजी की और अपनी योजना को सही तरीके से लागू किया। विराट ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें बल्ले और गेंद का संपर्क बहुत पसंद है। इससे उन्हें आत्मविश्वास मिलता है। वह गेंद को छोड़ने वाले खिलाड़ियों में से नहीं हैं। ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदें उनके लिए हमेशा चुनौती रही हैं। टीमें इसे उनकी कमजोरी के तौर पर निशाना बनाती हैं।
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अगर आप बहुत सीधा गेंदबाजी करते हैं, तो वह लेग साइड में आसानी से रन बना लेते हैं। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने इसे बखूबी समझा और उन्हें ऑफ स्टंप के बाहर खेलने पर मजबूर किया। विराट को इस सीरीज में अलग-अलग तरीके से आउट किया गया। कभी फ्रंट फुट से, तो कभी बैक फुट से। मुझे लगता है कि मिचेल स्टार्क ने अपनी लेफ्ट आर्म गेंदबाजी से इस रणनीति को मजबूत किया और पैट कमिंस ने इसका अच्छा इस्तेमाल किया, लेकिन विराट इससे निराश होंगे। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दाएं हाथ के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज ने कहा, पहले टेस्ट की दूसरी पारी में उनका शतक शानदार था। पहली पारी में भी वह अच्छे दिख रहे थे, लेकिन रन आउट हो गए। उन्होंने शुरुआत में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को अच्छी चुनौती दी। लेकिन रन आउट के बाद से उनकी एकाग्रता में कमी आ गई। हालाकि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को इसका श्रेय देना चाहिए।
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