भारत के सीनियर तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने कहा कि टॉस जीतने या हारने से टीम की मानसिकता प्रभावित नहीं होती है। साथ ही कहा कि खिलाड़ी अपनी जिम्मेदारियों को बेहतरीन तरीके से पूरा करने पर ध्यान देते हैं। उन्होंने कहा कि मन में यह मानसिकता रखनी होगी कि पहले जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, हम उसे बहुत अच्छे से निभाएंगे।
‘सभी लड़के अच्छे मूड में हैं’
शमी ने कहा कि हम हमेशा इस तरह की मानसिकता रखते हैं और हर समय सकारात्मक रहते हैं। सभी लड़के अच्छे मूड में हैं और साथ ही एक-दूसरे से बात कर रहे हैं। हमारी मानसिकता यह है कि हम टॉस जीतें या हारें, हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि आप विशेष रूप से देखें तो भारतीय विकेटों में बहुत अंतर नहीं है। यहां केवल आपको नई गेंद से मदद मिलती है और पुरानी गेंद से अगर आप रिवर्स स्विंग प्राप्त करने में सक्षम होते हैं तो बेहतर है।
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घरेलू परिस्थितियों को मिला फायदा
यह पूछने पर कि क्या अश्विन और जडेजा के संयुक्त रूप से छह विकेट लेने के बावजूद पिच स्पिनरों की तुलना में तेज गेंदबाजों की अधिक मदद करती है? इस पर शमी ने कहा कि मेरे अनुसार, जब हम घरेलू मैच खेलकर आते हैं तो मुझे लगता है कि सभी तेज गेंदबाज यहां अच्छा प्रदर्शन करके आए हैं और घरेलू परिस्थितियों को अच्छी तरह से जानते हैं। यह कहना गलत होगा कि पिचें तेज गेंदबाजों या स्पिनरों के अनुकूल होती हैं।
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