कुछ लोग दे रहे हैं सावधान रहने की सलाह
पिछल कुछ सालों से डीडीसीए की जो हालत है, उसे देखते हुए कुछ लोग उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने की सलाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अगर वह डीडीसीए में आना चाहते हैं तो अध्यक्ष पद के बजाय पहले निदेशक पद का चुनाव लड़ें और इस पद पर रहकर डीडीसीए का कामकाज और उसकी कार्यशैली समझें। इसके बाद अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ें। डीडीसीए के एक अधिकारी ने कहा कि मौजूदा स्थिति और डीडीसीए में रजत शर्मा के साथ जो हुआ, उसे देखते हुए रोहन के लिए अच्छा होगा कि वह निदेशक पद से शुरुआत करें, ताकि वह कार्यप्रणाली को समझ सकें।
रोहन को जीतना चाहिए सदस्यों का विश्वास
अधिकारी ने कहा कि रोहन जेटली अच्छे इंसान हैं, मगर बाहरी व्यक्ति हैं। उनका इस्तेमाल वे लोग कर सकते हैं, जिन्होंने रजत शर्मा को घेरे रखा था। उन्हें सीधे अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। इंतजार करना चाहिए और हर चीज को समझना चाहिए। वह बतौर निदेशक या डीडीसीए में किसी और पद के साथ शुरुआत कर सकते हैं। उन्हें सदस्यों का विश्वास जीतना चाहिए। अधिकारी ने कहा कि हम उन्हें पसंद करते हैं, लेकिन हम उन लोगों को लेकर सावधान रहना चाहते हैं, जिन्होंने डीडीसीए को घेर रखा है और जो लोग रोहन को चुनाव लड़ने के लिए उकसा रहे हैं।
वहीं यह खबर भी सुनने में आ रही है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना (CK Khanna) की पत्नी भी डीडीसीए के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकती हैं। ऐसी खबरें हैं कि डीडीसीए में विनोद तिहारा (Vinod Tihara) और खन्ना के दो गुट थे, जो अब एक हो गए हैं और दोनों गुटों ने एक साथ चुनावी मैदान में उतरने का फैसला लिया है।