जसप्रीत बुमराह का बचपन बेहद अभावों में बीता है। वह जब 5 साल के थे, तभी उनके सिर से पिता का साया उठ गया था। पिता के निधन के बाद उनके साथ उनकी बहन जुहिका की जिम्मेदारी मां के कंधों पर आ गई। बचपन में उनके पास सिर्फ एक टी-शर्ट थी, जिसे वह रोजाना धोकर पहना करते थे। इतना ही नहीं उनके पास सिर्फ एक जोड़ी फटे पुराने जूते थे, जिन्हें पहनकर वह गेंदबाजी का अभ्यास करते थे। इस बुरे वक्त में भी बुमराह ने हार नहीं मानी और देश के लिए खेलने के जुनून के साथ लगातार संघर्ष करते रहे।
14 साल की उम्र में मां को बताया था अपना सपना
जब बुमराह 14 साल के थे, तब पहली बार उन्होंने अपना सपना मां को बताया था। बुमराह ने एक शो में बताया था कि उनके चयन के प्रक्रिया किसी फिल्मी स्टोरी के जैसी ही है। एक दिन सेलेक्टर ने उन्हें गेंदबाजी करते देख अपने पास बुलाया और उसके बाद उन्हें गुजरात के लिए खेलने का मौका मिला। फिर उन्होंने आईपीएल में डेब्यू किया और उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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पहली बार टीवी पर देखा तो मां नहीं रोक सकी आंसू
बुमराह की मां दलजीत कौर ने बताया था कि उन्होंने काफी गरीबी और तकलीफें झेली हैं। उनके बच्चों का बचपन अभाव में बीता है, लेकिन कभी कोई शिकायत नहीं की। उन्होंने बताया कि जब पहली बार उन्होंने बेटे को टीवी पर देखा था, तब उनकी आंखों में आंसू की धार बहने लगी थी। इतने संघर्ष झेलने के बाद बेटे को सफलता मिलती देख उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे थे। आज जसप्रीत बुमराह के पास करोड़ों की संपत्ति है।
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