रिटायरमेंट के बाद नहीं मिली कोई सुविधा
काफी समय से भारतीय क्रिकेट सिस्टम का हिस्सा रहे कई स्कोरर्स को रिटायरमेंट के बाद बोर्ड की तरफ से रिटायरमेंट से जुड़ी कोई सुविधा नहीं मिली है। ऐसे में बीसीसीआई से जुड़े 17 रिटायर्ड स्कोरर्स ने बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली को एक ई—मेल के जरिए उनको रिटायरमेंट सुविधाएं देने का आग्रह किया है। साथ ही उन्होंने स्कोरर्स की रिटायरमेंट की उम्र सीमा को बढ़ाने की अपील भी की है।
काफी समय से भारतीय क्रिकेट सिस्टम का हिस्सा रहे कई स्कोरर्स को रिटायरमेंट के बाद बोर्ड की तरफ से रिटायरमेंट से जुड़ी कोई सुविधा नहीं मिली है। ऐसे में बीसीसीआई से जुड़े 17 रिटायर्ड स्कोरर्स ने बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली को एक ई—मेल के जरिए उनको रिटायरमेंट सुविधाएं देने का आग्रह किया है। साथ ही उन्होंने स्कोरर्स की रिटायरमेंट की उम्र सीमा को बढ़ाने की अपील भी की है।
यह भी पढ़ें— इंग्लैंड पहुंचने के बाद महिला क्रिकेटर स्मृति मंधाना को नहीं आ रही नींद, वजह भी बताई 3 दशकों तक करते रहे स्कोरिंग
इन रिटायर्ड स्कोरर्स का नेतृत्व मुंबई क्रिकेट संघ के वरिष्ठ स्कोरर रह चुके विवेक गुप्ते कर रहे हैं। इन्होंने सौरव गांगुली से आर्थिक रूप से कमजोर स्कोररों को आर्थिक सहायता देने की अपील की है। गुप्ते ने कहा कि बीसीसीआई ने अंपायरों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ा दी है तो ई—मेल में स्कोररों के रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की मांग की है। गुप्ते का कहना है कि सभी रिटायर हो चुके सीनियर स्कोरर करीब 3 दशकोें तक स्कोरिंग करते रहे। गुप्ते का कहना है कि स्कोरिंग का काम करने वाले लोगों ने इसे पेशे की तरह नहीं बल्कि अपने जुनून के तौर पर अपनाया। इसके साथ ही मेल में स्कोररों के लिए रिटायरमेंट पॉलिसी बनाने की मांग की है। इसमें रिटायर हो चुके स्कोररों के लिए मासिक पेंशन या एकमुश्त राशि में रिटायरमेंट का लाभ देने की अपील की है। साथ ही उनके लिए मेडिकल कवर सुविधा की भी मांग की गई है।
इन रिटायर्ड स्कोरर्स का नेतृत्व मुंबई क्रिकेट संघ के वरिष्ठ स्कोरर रह चुके विवेक गुप्ते कर रहे हैं। इन्होंने सौरव गांगुली से आर्थिक रूप से कमजोर स्कोररों को आर्थिक सहायता देने की अपील की है। गुप्ते ने कहा कि बीसीसीआई ने अंपायरों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ा दी है तो ई—मेल में स्कोररों के रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की मांग की है। गुप्ते का कहना है कि सभी रिटायर हो चुके सीनियर स्कोरर करीब 3 दशकोें तक स्कोरिंग करते रहे। गुप्ते का कहना है कि स्कोरिंग का काम करने वाले लोगों ने इसे पेशे की तरह नहीं बल्कि अपने जुनून के तौर पर अपनाया। इसके साथ ही मेल में स्कोररों के लिए रिटायरमेंट पॉलिसी बनाने की मांग की है। इसमें रिटायर हो चुके स्कोररों के लिए मासिक पेंशन या एकमुश्त राशि में रिटायरमेंट का लाभ देने की अपील की है। साथ ही उनके लिए मेडिकल कवर सुविधा की भी मांग की गई है।
यह भी पढ़ें— क्रिकेट के कौन से नियम में लिखा है कि 30 की उम्र के बाद टीम में चयन नहीं हो सकता: शेल्डन जैक्सन मौजूदा हालात में आय हुई प्रभावित
इसके साथ ही गुप्ते का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि बोर्ड उनकी अपील की तरफ ध्यान देगा और कोई स्कोररों के फायदे के लिए कोई अच्छी योजना लाएगा। भारतीय स्कोररों को फिलहाल एक मैच में एक दिन के 10 हजार रुपए मिलते हैं, लेकिन कोरोना की वजह से घरेलू स्तर पर क्रिकेट मैच नहीं हो पा रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी आय पर प्रभाव पड़ा है। वहीं रिटायर हो चुके स्कोररों को इस दौर में सबसे ज्यादा संघर्ष करना पड़ा है। इसी वजह से बोर्ड को इस बारे में मेल लिखकर सुविधा देने की अपील की गई है।
इसके साथ ही गुप्ते का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि बोर्ड उनकी अपील की तरफ ध्यान देगा और कोई स्कोररों के फायदे के लिए कोई अच्छी योजना लाएगा। भारतीय स्कोररों को फिलहाल एक मैच में एक दिन के 10 हजार रुपए मिलते हैं, लेकिन कोरोना की वजह से घरेलू स्तर पर क्रिकेट मैच नहीं हो पा रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी आय पर प्रभाव पड़ा है। वहीं रिटायर हो चुके स्कोररों को इस दौर में सबसे ज्यादा संघर्ष करना पड़ा है। इसी वजह से बोर्ड को इस बारे में मेल लिखकर सुविधा देने की अपील की गई है।