सिर्फ़ 14 के स्कोर पर दोनों ओपनरों के पवेलियन जाने के बाद इंडिया ए की टीम मुश्किल में थी और इंडिया सी के गेंदबाज़ लगातार दबाव बनाने के प्रयास में सफल हो रहे थे। इसी क्रम में युवा बल्लेबाज़ रियान पराग भी 17 के स्कोर विजयकुमार वैशाख की गेंद पर साई सुदर्शन को कैच दे बैठे। इंडिया ए के लिए मुश्किलों का दौर यहीं नहीं रूका और संयम के साथ इंडिया ए को मुश्किल से बाहर निकालने के प्रयास में तिलक वर्मा रन आउट हो गए। अपने पिछले मैच की पहली पारी में इंडिया ए कुछ ऐसी ही स्थिति में था लेकिन वहां कुमार कुशाग्र और शाश्वत ने एक अच्छी साझेदारी बनाने का प्रयास किया था लेकिन इस मैच में वैसा नहीं हो पाया और कुशाग्र सिर्फ़ आठ गेंदें खेल कर कीपर को कैच थमा बैठे।
आवेश खान के साथ की महत्वपूर्ण साझेदारी
हालांकि इसके बाद शाश्वत और पिछले मैच में बेहतरीन अर्धशतक लगाते हुए, इंडिया ए की नैय्या को पार लगाने वाले शम्स मुलानी के बीच अच्छी साझेदारी हुई। यह साझेदारी 87 रनों तक चली। शम्स के पास फिर से अर्धशतक लगाने का मौक़ा था लेकिन वह तीन रन से चूक गए। शाश्वत ने इसके बाद आवेश ख़ान के साथ 70 रनों की एक अच्छी साझेदारी और कोशिश किया कि ज़्यादा से ज़्यादा स्ट्राइक उनके पास रहे और इसी क्रम में उन्होंने अपना शतक भी पूरा किया। हालिया समय में शाश्वत ने एक युवा बल्लेबाज़ के तौर पर काफ़ी अच्छा प्रदर्शन किया है और अपने 16 प्रथम श्रेणी मैचों में पांच शतक के साथ कुल 1274 रन बनाए हैं।