क्रिकेट

देश की शीर्ष अदालत ने किया था गठन, अब उसी पर उंगली उठा रहा है सीओए

‘पद’ की ‘पॉवर’ में निरंकुश हुआ सीओए, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही उठा रहा सवाल

Sep 27, 2019 / 10:30 am

Manoj Sharma Sports

नई दिल्ली। प्रशासकों की समिति ( सीओए ) ने तमिलनाडु क्रिकेट संघ ( टीएनसीए ) के नए संविधान को लोढ़ा समिति की सिफारिशों के मुताबिक 21 सूत्रों पर गलत बताया है। सीओए ने कहा है कि चार अक्टूबर तक वह अपने संविधान पर दोबारा काम करें ताकि 23 अक्टूबर को होने वाली बीसीसीआई की एजीएम में शामिल हो सके।

टीएनसीए के वकील अमोल चिताले ने हालांकि साफ कर दिया है कि इस तरह के फैसले सिर्फ सुप्रीम कोर्ट लेगी। चिताले ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 20 सिंतबर का आदेश कांच की तरह साफ है और अगर टीएनसीए के संविधान में कोई गलती है तो न्यायाधीश एस. ए. बोब्डे तथा एल. नागेश्वर राव की पीठ इस पर फैसला लेगी न कि सीओए।

उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने हमें चुनाव कराने की अनुमति दे दी है और संविधान ठीक नहीं है इस पर कोर्ट ही फैसला लेगी। अगर किसी तरह का विवाद है तो एमिकस उसे देखेंगे और अंतत: कोर्ट फैसला लेगी की संविधान सही है या नहीं।”

उन्होंने कहा, “सीओए के पास संविधान को सही या गलत कहने का अधिकार नहीं है। वो कोर्ट में यह कह सकते हैं कि इन आधारों पर संविधान में खामियां हैं, लेकिन अंतत: कोर्ट ही है जो फैसला लेगी। टीएनसीए को सीओए से आए पत्र को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है।”

टीएनसीए को लिखे अपने पत्र में सीओए ने बताया था, “सीओए सुप्रीम कोर्ट के 20 सिंतबर 2019 के आदेश को साफ करना चाहती है जिसमें शीर्ष परिषद के लिए सभी अयोग्यताओं को हटाने की बात नहीं कही गई है, जैसा टीएनसीए ने अपने संविधान में नियम 14 (3) से (5) को हटाया है।”

उन्होंने कहा, “इसलिए टीएनसीए से अपील की जाती है कि वह अपने संविधान में ऊपर बताए गए नियमों को शामिल करे और उस बदले हुए संविधान को पंजीकृत कराए और उसकी एक प्रति सीओए के पास जल्द से जल्द पहुंचाए।”

बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन की बेटी रूपा गुरुनाथ को गुरुवार को टीएनसीए का अध्यक्ष चुना गया था। उन्हें चेन्नई में टीएनसीए की 87वीं एजीएम में निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया था।

Hindi News / Sports / Cricket News / देश की शीर्ष अदालत ने किया था गठन, अब उसी पर उंगली उठा रहा है सीओए

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.