जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पीसीबी पाकिस्तान में पूरे टूर्नामेंट की मेजबानी पर कायम है और 19-22 जुलाई तक कोलंबो में आईसीसी के वार्षिक सम्मेलन के दौरान किसी भी हाइब्रिड मॉडल प्रस्ताव का विरोध करेगा। पीसीबी का यह अटल रुख भारतीय मीडिया रिपोर्टों के जवाब में आया है, जिसमें दावा किया गया है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अगले साल फरवरी और मार्च के बीच होने वाले प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम को पाकिस्तान भेजने में अनिच्छुक है।
तनावपूर्ण राजनीतिक संबंधों और सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए, भारत ने 2008 एशिया कप के बाद से पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है। बीसीसीआई ने आईसीसी से चैंपियंस ट्रॉफी के लिए हाइब्रिड मॉडल लागू करने का अनुरोध करने का संकेत दिया है, जिससे भारत अपने मैच तटस्थ देश में खेल सके। 2008 के मुंबई हमलों के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों से भरे हुए हैं, जिसके बाद द्विपक्षीय श्रृंखला निलंबित कर दी गई थी। आखिरी बार भारत ने 2008 में एशिया कप के लिए पाकिस्तान का दौरा किया था। तब से ये देश केवल आईसीसी आयोजनों या तटस्थ स्थानों पर आयोजित एशिया कप टूर्नामेंटों में ही मिले हैं।
इसी तरह का गतिरोध एशिया कप 2023 के दौरान हुआ था, जहां बीसीसीआई के पाकिस्तान की यात्रा करने से इनकार करने के कारण हाइब्रिड मॉडल को अपनाया गया था। हालाँकि इससे टूर्नामेंट को आगे बढ़ने की अनुमति मिल गई, लेकिन इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान को सेमीफाइनल और फाइनल मैचों की मेजबानी का अधिकार खोना पड़ा। इस नतीजे ने पीसीबी को यह सुनिश्चित करने के लिए और भी अधिक दृढ़ बना दिया है कि चैंपियंस ट्रॉफी 2025 पूरी तरह से पाकिस्तानी धरती पर आयोजित की जाए।