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Champions Trophy 2025: पॉलिटिक्स नहीं, इस वजह से भारतीय टीम नहीं जाना चाहती है पाकिस्तान!

Champions Trophy 2025: भारतीय क्रिकेट टीम इससे पहले एशिया कप 2023 के लिए भी पाकिस्तान नहीं गई थी। तब भारत ने हाइब्रिड मॉडल के तहत एशिया कप में अपने सभी मैच श्रीलंका में खेले थे।

नई दिल्लीAug 04, 2024 / 06:12 pm

Vivek Kumar Singh

IND vs PAK Champions Trophy
Indian Cricket Team: पाकिस्तान में अगले साल आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी खेली जाएगी। यह टूर्नामेंट अंतिम बार 2017 में खेला गया था और पाकिस्तान विजेता बना था। पाकिस्तान के लिए एक मेजबान के तौर पर यह एक बहुत बड़ा टूर्नामेंट है। लेकिन, बड़ा सवाल यह है, क्या भारत आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी खेलने के लिए पाकिस्तान जाएगा? भारतीय क्रिकेट टीम इससे पहले एशिया कप 2023 के लिए भी पाकिस्तान नहीं गई थी। तब भारत ने हाइब्रिड मॉडल के तहत एशिया कप में अपने सभी मैच श्रीलंका में खेले थे। पाकिस्तान लगातार आरोप लगाता रहा है कि भारत राजनीतिक दुर्भावना के चलते अपनी क्रिकेट टीम को पाकिस्तान नहीं भेजना चाहता, खेल को राजनीति से दूर रखना चाहिए।

2009 में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हुए आतंकी हमले

भारत ने पाकिस्तान में एशिया कप 2008 के बाद से क्रिकेट नहीं खेला है। हालांकि, इसके लिए दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि पाकिस्तान में सुरक्षा चिंताओं के कारण क्रिकेट को अनेकों चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। साल 2009 में, लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को क्रिकेट टीम भेजने के लिए एक असुरक्षित जगह माना गया। पाकिस्तान में श्रीलंका क्रिकेट टीम की बस पर जो आतंकी हमला हुआ, उसकी कल्पना मात्र से भी पाकिस्तान में कोई अपनी टीम भेजने के लिए तैयार नहीं था। तब सुरक्षा जोखिम को देखते हुए सभी अंतरराष्ट्रीय टीमों ने पाकिस्तान का दौरा करने से मना कर दिया था।
स्थिति यह थी कि, 2009 में श्रीलंका की टीम पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान को करीब एक दशक तक अपने मैच यूएई में खेलने पड़े थे। अपने देश में सुरक्षा हालातों के चलते पाकिस्तान ने यूएई को अपना होम ग्राउंड बनाया। कोई भी देश पाकिस्तान आकर खेलने का जोखिम नहीं लेना चाहता था। 2009 की घटना के छह साल बाद, 2015 में जिम्बाब्वे की टीम ने पाकिस्तान का दौरा किया, लेकिन यह सीरीज भी पाकिस्तान में क्रिकेट को जिंदा नहीं कर पाई। इस सीरीज के दूसरे वनडे मैच में गद्दाफी स्टेडियम के बाहर बम ब्लास्ट हुआ था। हालांकि जिम्बाब्वे का दौरा चलता रहा, लेकिन यह स्पष्ट हो गया कि पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने के हालात सामान्य होना अभी बहुत दूर की कौड़ी है।
हालत यह थी, कि 2016 में पाकिस्तान की घरेलू क्रिकेट लीग ‘पाकिस्तान सुपर लीग’ (पीएसएल) भी पहला सीजन भी यूएई में ही हुआ था। इसके बाद, साल 2017 में, पीएसएल पाकिस्तान में कराने का फैसला किया गया, जो 2009 के बाद से पाकिस्तान में हुआ सबसे बड़ा क्रिकेट इवेंट था। हालांकि, इस लीग में भाग लेने के लिए बाकी देशों के क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों को पाकिस्तान का दौरा नहीं करने की सलाह दी थी। तब एक बयान में कहा गया था, “पाकिस्तान में प्रतिभागियों की सुरक्षा और सुरक्षा के स्वीकार्य स्तर की उम्मीद या गारंटी नहीं दी जा सकती है।”
तब केविन पीटरसन, ल्यूक राइट और टाइमल मिल्स जैसे खिलाड़ियों ने पाकिस्तान में आकर खेलने के लिए मना कर दिया था। हालांकि, इसके बाद पाकिस्तान में श्रीलंका, वेस्टइंडीज जैसी टीमों ने आकर अपने मैच खेले, और क्रिकेट की धीरे-धीरे वापसी हुई। लेकिन, पाकिस्तान में सुरक्षा संबंधी चिंताओं को पूरी तरह से दरकिनार नहीं किया जा सका। इसके बाद भी, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते अपनी टीम पाकिस्तान में नहीं भेजी थी। मौजूदा समय में, पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को वापस लाने के प्रयास किए हैं, लेकिन सुरक्षा चुनौतियों का देश में क्रिकेट खेलने पर असर पड़ता रहता है। ऐसे में पाकिस्तान द्वारा भारत पर सिर्फ राजनीतिक कारणों से अपनी क्रिकेट टीम को पाकिस्तान भेजने की बात करना सही नहीं है।

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