बुमराह के फ्रंटल एक्शन पर उठाए सवाल
शोएब अख्तर ने स्पोर्ट्स तक से बातचीत जसप्रीत बुमराह के एक्शन पर सवाल उठाते हुए कहा कि बुमराह फ्रंटल एक्शन से गेंदबाजी करते हैं। अख्तर का मानना है कि फ्रंटल एक्शन से बॉलिंग करने में पीठ और कंधे का ज्यादा इस्तेमाल होता है। वहीं लोग साइड-ऑन गेंदबाजी करने से पीठ और कंधे पर उतना जोर नहीं आता। शोएब अख्तर का कहना है कि फ्रंटल एक्शन के साथ कोई रियायत नहीं मिलती। अगर पीठ और कमर में चोट लग गई, तो आप चाहकर भी कुछ नहीं कर पाएंगे। साथ ही उनका कहना है कि उन्होंने इस एक्शन की वजह से वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज इयान बिशप और शेन बॉन्ड की हालत खराब होते हुए देखी है।
शोएब अख्तर ने स्पोर्ट्स तक से बातचीत जसप्रीत बुमराह के एक्शन पर सवाल उठाते हुए कहा कि बुमराह फ्रंटल एक्शन से गेंदबाजी करते हैं। अख्तर का मानना है कि फ्रंटल एक्शन से बॉलिंग करने में पीठ और कंधे का ज्यादा इस्तेमाल होता है। वहीं लोग साइड-ऑन गेंदबाजी करने से पीठ और कंधे पर उतना जोर नहीं आता। शोएब अख्तर का कहना है कि फ्रंटल एक्शन के साथ कोई रियायत नहीं मिलती। अगर पीठ और कमर में चोट लग गई, तो आप चाहकर भी कुछ नहीं कर पाएंगे। साथ ही उनका कहना है कि उन्होंने इस एक्शन की वजह से वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज इयान बिशप और शेन बॉन्ड की हालत खराब होते हुए देखी है।
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शोएब अख्तर का कहना है कि बुमराह को अपना वर्कलोड कम करना होगा। साथ ही अख्तर ने कहा कि अगर टीम इंडिया बुमराह को हर मैच में उतारेगी तो एक साल ही बुमराह का कॅरियर पूरी तरह खत्म हो जाएगा। अख्तर का मानना है कि बुमराह को किसी भी सीरीज में में पांच में से तीन मैच में ही उतारना चाहिए। उनका कहना है कि अगर बुमराह लंबा क्रिकेट कॅरियर चाहते हैं तो उन्हें इस बात का ध्यान रखना होगा।
शोएब अख्तर का कहना है कि बुमराह को अपना वर्कलोड कम करना होगा। साथ ही अख्तर ने कहा कि अगर टीम इंडिया बुमराह को हर मैच में उतारेगी तो एक साल ही बुमराह का कॅरियर पूरी तरह खत्म हो जाएगा। अख्तर का मानना है कि बुमराह को किसी भी सीरीज में में पांच में से तीन मैच में ही उतारना चाहिए। उनका कहना है कि अगर बुमराह लंबा क्रिकेट कॅरियर चाहते हैं तो उन्हें इस बात का ध्यान रखना होगा।
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शोएब अख्तर ने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें भी अपने कॅरियर के दौरान इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ा था। शोएब अख्तर ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को मनाने की बहुत कोशिश की कि उन्हें ज्यादा मैच न खिलाएं। हालांकि पीसीबी ने अख्तर की बात नहीं मानी और इसी वजह से वह चोटिल होते रहे। शोएब अख्तर ने बताया कि उन्होंने पीसीबी को कहा था कि उन्हें सभी पांच मैचों में उतारेंगे तो घुटने जवाब दे जाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि जब उन्होंने 1997 में अपने क्रिकेट कॅरियर की शुरुआत की थी, तो उनके घुटने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का दबाव नहीं झेल पाते थे। जब भी अख्तर पांच मैच खेलते थे तो उनके घुटनों में पानी भर जाता था और उनका मूवमेंट चला जाता था। अख्तर का कहना है कि जब पीसीबी ने उनकी बात नहीं सुनी तो उन्होंने खुद ही अपना वर्कलोड मैनेज किया।
शोएब अख्तर ने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें भी अपने कॅरियर के दौरान इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ा था। शोएब अख्तर ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को मनाने की बहुत कोशिश की कि उन्हें ज्यादा मैच न खिलाएं। हालांकि पीसीबी ने अख्तर की बात नहीं मानी और इसी वजह से वह चोटिल होते रहे। शोएब अख्तर ने बताया कि उन्होंने पीसीबी को कहा था कि उन्हें सभी पांच मैचों में उतारेंगे तो घुटने जवाब दे जाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि जब उन्होंने 1997 में अपने क्रिकेट कॅरियर की शुरुआत की थी, तो उनके घुटने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का दबाव नहीं झेल पाते थे। जब भी अख्तर पांच मैच खेलते थे तो उनके घुटनों में पानी भर जाता था और उनका मूवमेंट चला जाता था। अख्तर का कहना है कि जब पीसीबी ने उनकी बात नहीं सुनी तो उन्होंने खुद ही अपना वर्कलोड मैनेज किया।