फ्रेंचाइजी को होता है नुकसान
दरअसल, आईपीएल सीजन का आगाज होने से कुछ दिन पहले ही कुछ
क्रिकेटर टूर्नामेंट से हटने का फैसला ले लेते हैं। इस मामले में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाड़ी सबसे ज्यादा शामिल रहे हैं। इसके चलते फ्रेंचाइजी टीम को खासा नुकसान उठाना पड़ता है। आखिरी समय में टीम को उस खिलाड़ी का विकल्प ढूंढने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बीसीसीआई ने बनाया ये नियम
नए नियम के तहत कोई भी खिलाड़ी, जो ऑक्शन में पंजीकरण करता है और नीलामी में चुने जाने के बाद सीज़न की शुरुआत से पहले खुद को अनुपलब्ध कर देता है। बीसीसीआई अगले 2 सीज़न के लिए टूर्नामेंट और खिलाड़ी के ऑक्शन में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। कम कीमत मिलने पर भी नहीं खेलते खिलाड़ी!
कई बार देखा गया है कि खिलाड़ी को मोटी रकम में मिलती है तो वह खेलने के लिए तैयार रहता है, लेकिन जब वह कम कीमत पर बिकता है तो निजी कारणों का हवाला देते हुए आईपीएल से हट जाता है। इसके अलावा कुछ खिलाड़ी वर्कलोड मैनेजमेंट, नेशनल ड्यूटी या निजी कारणों का हवाला देकर टूर्नामेंट से हट जाते हैं।