सीनियर खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी खेलने की सलाह
दरअसल, द हिंदू ने बीसीसीआई के एक सूत्र के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि रणजी ट्रॉफी खेलना अनिवार्य तो नहीं बनाया गया है, लेकिन खिलाड़ियों को इसकी जानकारी दे दी गई है। सूत्र ने यह भी कहा है कि अगर खिलाड़ी खेलना नहीं चाहते हैं तो भविष्य की रणनीति पर फैसला चयनकर्ताओं पर छोड़ दिया जाएगा। बीसीसीआई सूत्र ने कहा कि ये अनिवार्य नहीं किया गया है, लेकिन सभी क्रिकेटरों, यहां तक कि फ्रिंज खिलाड़ियों को भी रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए कहा गया है। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो चयनकर्ताओं को उचित कार्रवाई करनी होगी।बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद गरमाया मुद्दा
बीसीसीआई ने 2024 की शुरुआत में स्पष्ट रूप से कहा था कि टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना जरूरी है। वहीं, कोहली, विराट, पंत, केएल राहुल और अन्य सीनियर खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं और आराम की जरूरत का हवाला देकर घरेलू क्रिकेट छोड़ दिया। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के हाथों भारत की 1-3 से शर्मनाक हार के बाद घरेलू क्रिकेट खेलने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज के दौरान बल्लेबाजों की खामियां उजागर हुईं तो हेड कोच गंभीर ने कहा कि हर खिलाड़ी को वांछित परिणाम पाने और बेहतर होने के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना चाहिए। यह भी पढ़ें
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ये कहा था गौतम गंभीर ने
गौतम गंभीर ने कहा था कि मैं हमेशा चाहूंगा कि हर कोई घरेलू क्रिकेट खेले। घरेलू क्रिकेट को इतना महत्व दिया जाना चाहिए। सिर्फ़ एक खेल नहीं। अगर वे उपलब्ध हैं और उनमें लाल गेंद से क्रिकेट खेलने की प्रतिबद्धता है तो सभी को घरेलू क्रिकेट खेलना चाहिए। यह जितना आसान हो सकता है। अगर आप घरेलू क्रिकेट को महत्व नहीं देते हैं तो आपको कभी भी मनचाहा खिलाड़ी नहीं मिलेगा। बता दें कि विराट कोहली 13 साल से रणजी ट्रॉफी नहीं खेले हैं तो वहीं रोहित शर्मा ने भी आखिरी बार 9 साल पहले घरेलू क्रिकेट खेला था। इसी तरह केएल राहुल को भी रणजी खेले 9 वर्ष बीत गए हैं। जबकि शुभमन गिल और ऋषभ पंत भी आखिरी बार छह साल पहले रणजी क्रिकेट खेले थे।