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कभी हिंदू होने के कारण अपने ही देश में हुए थे अपमानित, अब तूफानी पारी खेल कर टीम को दिलाई जीत

बुधवार को बांग्लादेश ने जिम्बाब्वे को सात विकेट से हराते हुए मुकाबला जीत लिया। इस मुकाबले में बांग्लादेश की ओर से लिट्टन दास और इमरूल कायस ने अच्छी पारी खेली।

Oct 25, 2018 / 12:56 am

Prabhanshu Ranjan

कभी हिंदू होने के कारण अपने ही देश में हुए थे अपमानित, अब तूफानी पारी खेल कर टीम को दिलाई बड़ी जीत

नई दिल्ली। लगभग पूरी दुनिया में अल्पसंख्यकों को हीन भावना के साथ जीना पड़ता है। दुनिया के तमाम मुल्क जो अपने आप को कानून प्रिय और धर्मनिरपेक्ष कहते है, वहां भी अल्पसंख्यकों की स्थिती खराब ही है। कई बार विभिन्न अंतर्ऱाष्ट्रीय एजेंसियों ने इस गंभीर मसले पर चौंकाने वाले रिपोर्ट पेश किए है। लेकिन अल्पसंख्यक बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले कई नाम ऐसे भी है, जो अपमान का घूंट पीने के बाद भी अपने क्षेत्र में देश का मान बढ़ाने का काम करते है। ठीक ऐसी ही स्थिति पड़ोसी देश बांग्लादेश की है। वहां हिंदू अल्पसंख्यक है। लिहाजा उन्हें कई बार अपमानित होना पड़ता है। लेकिन इसके बाद भी बांग्लादेश के कई हिंदू अपने-अपने क्षेत्र में कामयाबी की नई कहानियां लिखते जा रहे हैं।

लिट्टन दास की बेहतरीन बल्लेबाजी-
एक ऐसी ही कहानी बांग्लादेशी क्रिकेटर लिट्टन दास की है। लिट्टन दास इस समय बांग्लादेशी क्रिकेट टीम के स्टार सलामी बल्लेबाज हैं। एशिया कप में भारत के खिलाफ के बेहतरीन शतक जमाने वाले लिट्टन दास इन दिनों बेहतरीन फॉर्म में चल रहे है। उनके फॉर्म की एक बानगी बुधवार को जिम्बाब्वे के खिलाफ हुए एकदिवसीय मुकाबले में देखने को मिली। चटगॉव में खेले गए इस मैच में लिट्टन ने 83 रनों की शानदार पारी खेली। जिसके दम पर बांग्लादेश ने जिम्बाब्वे को सात विकेट के अंतर से हराने में कामायाबी हासिल की।

जीत के साथ जमाया सीरीज पर कब्जा-
इस मुकाबले में बांग्लादेश ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया था। पहले बल्‍लेबाजी करते हुए जिम्‍बाब्‍वे ने निर्धारित 50 ओवर में सात विकेट के नुकसान पर 246 रन बनाए। 247 रनों के लक्ष्‍य का पीछा करने उतरी बांग्‍लादेश टीम ने 44.1 तीन विकेट के नुकसान पर इस स्कोर को हासिल कर लिया। इस जीत के साथ ही बांग्‍लादेश ने सीरीज पर भी 2-0 से कब्‍जा कर लिया है। गौरतलब हो कि सीरीज के पहले मुकाबले में भी बांग्‍लादेश को जीत मिली थी।

 

लिट्टन और कायस की बेहतरीन साझेदारी-
लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेशी टीम को सलामी बल्‍लेबाज इमरुल कायस 90(83) और लिट्टन दास 83(77) ने पहले विकेट के लिए 148 रन की साझेदारी की। लिट्टन ने इस पारी में काफी तेजी से रन बटोरे लिहाजा मैच एकतरफा हो गया। लिट्टन दास ने अपनी पारी में 12 चौके और एक छक्‍का लगाया। वहीं, इमरुल कायस ने भी सात चौके लगाए। सलामी बल्लेबाजों के आउट होने के बाद मुशफिकुर रहीम 40(52) और मोहम्‍मद मिथुन 24(21) ने टीम को आसान जीत दिला दी।

ब्रेंडन टेलर की बेहतीरन पारी-
इससे पहले जिमबाब्वे की ओर से विकेटकीपर बल्लेबाज ब्रेंडन टेलर ने 73 गेंदों पर 75 रनों की अच्छी पारी खेली। टेलर के अलावा सीन विलियम्स 47(76) और सिकंदर रजा 49(61) ने अहम पारियां खेलकर टीम के स्‍कोर को 246/7 तक पहुंचाया। इस मैच में बांग्‍लादेश के लिए मोहम्मद सैफुद्दीन अच्छी गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट निकाले। सैफुद्दीन को मैन ऑफ द मैच का अवार्ड दिया गया।

जब हिंदू होने का मिला था सिला-
इस मैच में बांग्लादेश के लिए मैच जिताऊ पारी खेलने वाले लिट्टन दास को एक समय हिंदू होने के कारण अपने ही देश में अपमानित होना पड़ा था। दरअसल लिट्टन ने दुर्गा पूजा के समय की एक तस्वीर अपने सोशल मीडिया अकांउट पर शेयर की थी। जिस पर बांग्लादेश के लोगों ने उन्हें जमकर ट्रोल किया था। हालांकि अब उन ट्रोलर्स को अपनी गलती पर पछतावा हो रहा होगा।

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