उन्होंने कहा, वर्कलोड की बातें हो रही। उन्होंने कितने ओवर गेंदबाजी की? 150 ओवर के आस-पास, लेकिन कितने मैच या इनिंग में? पांच मैच या 9 पारियों में, यही ना। यानि हर इनिंग में 16 ओवर या प्रति मैच 30 ओवर। उन्होंने कई स्पैल में गेंदबाजी की। वर्कलोड मैनेजमेंट बकवास की बात है। यह ऑस्ट्रेलियाई टीम की ओर से गढ़ा गया शब्द है। मैं उस समय से हूं जहां क्रिकेटर अपने शरीर की सुनते थे, किसी और की नहीं।
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उन्होंने कहा कि एक दिन में 15 ओवर गेंदबाजी, वह भी अलग-अलग स्पैल में, यह गेंदबाजों के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। आप टेस्ट मैच के पांचों दिन गेंदबाजी नहीं करते। वह उन ओवरों में तीन या चार स्पैल में गेंदबाजी करते हैं। आज आपके पास अच्छे फीजियो, अच्छे मसाजर, बेहतरीन डॉक्टर है, जो आपके शरीर का ध्यान रखते हैं। इसके बावजूद गेंदबाज एक इनिंग में 20 ओवर भी गेंदबाजी नहीं कर सकता तो उसे भारत के लिए खेलना भूल जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आप भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं तो एक इनिंग में कम से कम 20 ओवर गेंदबाजी करने की क्षमता होनी चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको भारत के लिए खेलना भूल जाना चाहिए और टी-20 क्रिकेट खेलना चाहिए, जहां सिर्फ 4 ओवर गेंदबाजी करने पड़ते हैं। ये चार ओवर भी तीन स्पैल में करने होंगे। पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा कि हम एक दिन में 20-30 ओवर गेंदबाजी करते थे। कपिल देव ने पूरे करियर में लंबे स्पैल में गेंदबाजी की। जब आप लगातार गेंदबाजी करते हैं तो मसल्स मजबूत होते हैं, इसलिए मैं वर्कलोड मैनेजमेंट की धारणा से सहमत नहीं हूं।
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