मार्कस हैरिस का मानना है कि यदि चयनकर्ता उन्हें भारत के खिलाफ पर्थ में खेले जाने वाले पहले टेस्ट में सलामी बल्लेबाज बनने का मौका देते हैं, तो वह इसके लिए तैयार हैं। साथ ही हैरिस को यह भी लगता है कि ऑस्ट्रेलिया ए के लिए दबाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद वह इस भूमिका के लिए सक्षम भी हैं।
32 वर्षीय हैरिस ने एमसीजी में इंडिया ए के ख़िलाफ मुश्किल परिस्थितियों में 74 रनों की संघर्षपूर्ण पारी खेली। हैरिस के इन रनों का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि ऑस्ट्रेलिया ए के लिए इस पारी में दूसरा सबसे ज़्यादा स्कोर (35 रन) नंबर 10 के बल्लेबाज़ कोरी रॉच्चिसियोली ने बनाया था। ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख चयनकर्ता जॉर्ज बेली ऑस्ट्रेलिया ए टीम के साथ एमसीजी में मौजूद थे, लेकिन उन्होंने अभी तक हैरिस या किसी और खिलाड़ी को यह पुष्टि नहीं दी है कि ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम में किसे मौका मिलेगा।
पढ़े: Border Gavaskar Trophy से पहले केएल राहुल ने फैंस को दी बड़ी खुशखबरी.. हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों हैरिस और नेथन मैकस्वीनी का नाम ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में शामिल किया जा सकता है। ऐसे कयास हैं कि ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम में फ़िलहाल 13 खिलाड़ी हो सकते हैं, जिसमें एक अतिरिक्त बल्लेबाज़ और एक अतिरिक्त गेंदबाज़ को भी शामिल किया जा सकता है।
दूसरे दिन के खेल के बाद हैरिस से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि उन्होंने टेस्ट टीम में शामिल किए जाने के लायक प्रदर्शन किया है। इस पर उन्होंने कहा, “मुझे इस बारे में ज़्यादा कुछ नहीं पता लेकिन यह एक अच्छा सवाल है। मुझे लगता है कि बाहरी तौर पर देखा जाए तो इस मैच को काफ़ी तूल दिया गया था। मैं अच्छी बल्लेबाज़ी कर रहा हूं, लेकिन और भी बहुत से लोग ऐसा कर रहे हैं। अगर मुझे टीम में बुलाया जाता है तो मुझे लगता है कि मैं इसके लिए तैयार हूं और अगर नहीं बुलाया जाता है तो कोई बात नहीं।”
हैरिस ऑस्ट्रेलिया-ए टीम में एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने इंडिया ए के ख़िलाफ दोनों मैचों में बल्लेबाज़ी की शुरुआत की है। उन्होंने मैके में पहले मैच में सैम कॉनस्टास के साथ ओपनिंग की और 17 और 36 रन बनाए, फिर दूसरे मैच में मैकस्वीनी के साथ ओपनिंग की। हैरिस ने बताया कि चयनकर्ताओं ने दोनों मैचों से पहले उनसे ज़्यादा कुछ नहीं कहा था।
हैरिस ने कहा, “उन्होंने बस इतना कहा कि मैं पहले मैच में ओपनिंग करूंगा और हम वास्तव में नहीं जानते थे कि दूसरे मैच में क्या होने वाला है। मुझे नहीं पता कि यह किसी योजना का हिस्सा था या नहीं।” हैरिस ने कहा कि दूसरे मैच ने चयनकर्ताओं की सोच पर कुछ संकेत दिए थे, लेकिन उन्होंने इसे ज़्यादा महत्व नहीं दिया, क्योंकि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया ए और प्रधानमंत्री एकादश के चयन के पिछले अनुभव से इन सब चीज़ों के बारे में काफ़ी कुछ सीखा है।
यह भी पढ़े: बांग्लादेश को लगा तगड़ा झटका, यह खिलाड़ी वेस्टइंडीज से नहीं खेलेगा टेस्ट सीरीज हैरिस ने कहा, “सच कहूं तो आपको उनसे इस बारे में पूछना होगा। उदाहरण के लिए, पिछले साल भी इसी तरह के हालात थे और उन्होंने रेनर्स (मैट रेंशॉ) को चुना था, जो तीसरे स्थान पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे।” हैरिस ने कहा कि उन्होंने पिछले समर के अनुभव से बहुत कुछ सीखा है, तब वह घरेलू सीज़न में डेविड वॉर्नर की जगह लेने की दौड़ में थे।
हैरिस ने कहा, “मुझे लगता है कि मैं अब कई चीज़ों को स्वीकार करना सीख गया हूं। शायद पहले मैं इसे नज़रअंदाज़ करने की कोशिश करता था। इससे दबाव और बढ़ जाता था, जबकि इस बार मैंने परिस्थितियों को उसी हिसाब से स्वीकार करना सीखा है, जिस तरह से वह मेरे सामने से आती हैं। इसी कारण से जो भी चीज़ें सामने आएंगी, वह मेरे लिए आश्चर्यजनक नहीं होंगी। जब आप इन चीज़ों से अधिक बार गुज़रते हैं, तो आपको इसकी आदत हो जाती है और इसे संभालने में सक्षम हो जाते हैं। मैं शायद अब इस मामले में अधिक अनुभवी हूं।”