व्याट ने कहा कि उन्हें शेफाली की कमजोरी पता है। ऑस्ट्रेलिया ने पहले भी उन्हें उन जगहों पर गेंद डालने की कोशिश की है और फाइनल में भी यही रणनीति रहेगी। व्याट ने यह भी कहा कि शेफाली के साथ कुछ माइंड गेम भी खेलना होगा और इसी के साथ यह उम्मीद करनी होगी कि वह सफल रहे।
विफल होने पर शेफाली को रोकना होता है मुश्किल
महिला टी-20 चैलेंज-2019 की याद को ताजा करते हुए व्याट ने कहा कि जब शेफाली विफल होती हैं तो वह अपने आपे में नहीं रहतीं। उन्हें रोकना बहुत मुश्किल हो जाता हैं। इस दौरान वह शेफाली से सिर्फ आराम करने को कहती थीं। उन्हें कहती थीं कि यह सिर्फ क्रिकेट है। व्याट ने कहा कि जब आप टी-20 में पारी की शुरुआत करते हैं तो आपके साथ काफी बुरा होता है, क्योंकि इस दौरान आपकी भूमिका तेजी से रन बनाने की रहती है और इस दौरान आप विफल भी होते हैं।
व्याट ने कहा कि शेफाली की बल्लेबाजी में वीरेंद्र सहवाग और विराट कोहली की छवि दिखती है। जब शेफाली नेट्स पर बल्लेबाजी करती हैं तो वह लगातार दो घंटे तक करती रहती हैं। इसमें से एक सत्र में तो वह पुरुष गेंदबाजों के खिलाफ पूरी आक्रामकता के साथ खेलती हैं। व्याट ने शेफाली का अभ्यास सत्र याद करते हुए कहा कि वह सत्र से पहले नेट्स पर आ जाती हैं और हमारे पुरुष गेंदबाजों के खिलाफ अलग से एक अतिरिक्त सत्र तक बल्लेबाजी करती थीं। इसके बाद महिला टीम के साथ अभ्यास सत्र में हिस्सा लेती थी।
गेंद पर करती हैं तेज प्रहार
व्याट ने बताया कि शेफाली गेंद को काफी तेजी से मारती हैं। वह बड़ी खिलाड़ी हैं। इतना ही नहीं, शेफाली को उन्होंने जिम में भी देखा है। उन्होंने जब शेफाली से पूछा कि कितने प्रेसअप करती हैं तो उनका जवाब था दो-दो।