भारतीय गेंदबाजों ने पर्थ की तरह एडिलेड में पहले दिन गेंदबाजी नहीं की, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा है और अब तक वे सिर्फ एक विकेट हासिल कर पाए हैं। पर्थ टेस्ट के पहले दिन, भारतीय तेज गेंदबाजों ने 47.5% गेंद ऑफ स्टंप के बाहर फेंकी। पर्थ में उन्होंने 31% गेंद स्टंप पर और सिर्फ 10.9% गेंदें ऑफ स्टंप के बाहर वाइड फेंकी और नतीजा पूरी दुनिया ने देखा था। आज उन्होंने केवल 20.3% गेंदें स्टंप पर और 21.3% गेंदें ऑफ स्टंप के बाहर वाइड फेंकी, जिसमें वह सिर्फ एक विकेट हासिल कर पाए।
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को मिलेगा फायदा?
6 MM की घास का फायदा ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने उठा लिया है और अब दूसरे दिन घास सूखती है तो उनके बल्लेबाजों को फायदा होगा। हालांकि इस दौरान भारतीय स्पिनर्स को भी मदद मिलेगी। देखा जाए तो यह एक टेस्ट मैच के लिए संतुलित पिच है और पहले दिन कहीं न कहीं भारतीय बल्लेबाजों ने खराब प्रदर्शन किया। नीतीश रेड्डी ने दिखाया कि इस पिच पर कैसे बल्लेबाजी की जा सकती है और फिर लाबुशेन के साथ मैकस्वीनी ने भी संयम से काम लिया और दिन का खेल खत्म होने तक पिच पर डटे रहे। दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया बढ़त ले सकती है लेकिन वह बढ़त कितनी होगी यह टीम इंडिया की गेंदबाजी पर निर्भर करता है।