राज्य स्तर की टीमों में संभव है
आकाश चोपड़ा ने क्रिकेट में नेपोटिज्म पर अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए कहा कि घरेलू क्रिकेट के छोटे स्तर पर नेपोटिज्म होना मुमकिन है, लेकिन भारतीय क्रिकेट में बड़े स्तर पर ऐसा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि राज्य की टीमों में नेपोटिज्म तो देखा जा सकता है और उन्होंने देखा है। एक राज्य टीम में उन्होंने एक खिलाड़ी को देखा था, जो अच्छा खिलाड़ी नहीं था। इसके बावजूद वह लंबे समय तक कप्तान भी रहा। साथ में यह भी कहा कि वह किसी खिलाड़ी का नहीं, बल्कि अधिकारी का बेटा था और ऐसा छोटे स्तर पर तो संभव है, मगर ऊंचे स्तर पर ऐसा नहीं होता है।
रोहन गावस्कर और अर्जुन तेंदुलकर का दिया उदाहरण
आकाश चोपड़ा ने रोहन गावस्कर (Rohan Gavaskar) और अर्जुन तेंदुलकर (Arjun Tendulkar) का उदाहरण देते हुए कहा कि ये दोनों महान बल्लेबाज के बेटे हैं। आकाश ने कहा कि अगर नेपोटिज्म होता तो सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar)के बेटे रोहन गावस्कर काफी लंबे समय तक देश के लिए क्रिकेट खेलते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आकाश चोपड़ा ने कहा कि जब टीम इंडिया (Team India) की तरफ से खेलना शुरू किया, तब उसका कारण सिर्फ बंगाल की तरफ से किया गया उनका शानदार प्रदर्शन था। इसके अलावा सुनील गावस्कर को भी यही डर रहा होगा, इसलिए उन्होंने रोहन को मुंबई में खेलने नहीं दिया।
अगर अर्जुन टीम इंडिया के लिए खेलते हैं तो उनकी काबिलियत होगी
आकाश चोपड़ा ने कहा कि अगर सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन खेलते हैं तो वह उनकी काबिलियत होगी। अर्जुन को कुछ भी प्लेट में परोसा हुआ नहीं मिलने जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर वह टीम इंडिया या फिर मुंबई के लिए अगर वह खेलते हैं तो इसके पीछे खुद वह होंगे। आकाश ने कहा कि इस स्तर पर जब भी चयन होता है तो वह पूरी तरह से प्रदर्शन पर आधारित होता है। किसी तरह का कोई समझौता नहीं होता है। आकाश ने कहा कि इसलिए उन्हें नहीं लगता कि बाकी इंडस्ट्रीज की तरह क्रिकेट में नेपोटिज्म हो सकता है।