पुलिस पता लगा रही कि जेल में मोबाइल कैसे पहुंचे और इनका उपयोग कौन कर रहा था। मोबाइल की कॉल डिटेल भी निकलवाई जा रही है। पुलिस का मानना है कि जेल कर्मचारियों की मिली भगत के बिना मोबाइल जेल में नहीं आ सकते। पुलिस ऐसे कर्मचारियों के बारे में पता कर रही है। मोबाइल बरामदगी के बाद जेल प्रशासन सतर्क हो गया है। कैदियों से मिलने आने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
हालांकि जेल में जैमर लगे हैं। इसके बावजूद एंड्रॉइड फोन का इस्तेमाल कैसे संभव हो रहा था। ऐसे में अब जैमर पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार केन्द्रीय जेल में गड़बड़ी के बारे में काफी शिकायतें मिल रही थी। खास कर बीड़ी, सिगरेट, भांग सहित नशे का काफी सामान कैदियों के पास पहुंच रहा था।
हालांकि समय-समय पर आदेश जारी कर कर्मचारियों को चेताया भी गया मगर कोई असर नहीं हुआ।
पिछले दिनों जेल प्रशासन ने ही कैदियों को भांग पहुंचाते हुए कांस्टेबल कृष्णमूर्ति को रंगे हाथ पकड़ा था। इसके बाद उसे निलंबित भी कर दिया गया था। इसी दौरान पता लगा कि जेल में बंद नामी बदमाशों के पास सेल फोन हैं। ये जेल में बैठकर ही अपने गुर्गों के जरिए आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। इस तरह की शिकायत मिलने के बाद प्रशासन चौकन्ना हुआ और तलाशी अभियान चलाया। उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु में कुल 134 जेल हैं, जिनमें से 10 सेंट्रल जेल हैं। तीन जेल विशेष रूप से महिलाओं के लिए और दो खुली जेल हैं।इसी तरह नौ जिला कारागार, 94 उपकारागार, पांच विशेष कारागार और 12 बाल सुधार गृह हैं।