रक्षा सूत्रों के मुताबिक जनवरी 2001 में तेजस ने बेंगलूरु bengaluru में पहली उड़ान भरी थी और तब से लेकर अब तक यह विमान पहली बार किसी हादसे का शिकार हुआ है। परीक्षण उड़ानों के दौरान विभिन्न बाधाओं को पार करने के लिए तेजस ने 4500 से ज्यादा उड़ानें भरीं। जुलाई 2016 में वायुसेना के बेड़े में शामिल किए जाने के बाद भी इस विमान ने सैकड़ों घंटों की उड़ान भरी है। वायुसेना iaf के पास अभी तेजस का एक स्क्वाड्रन है जो 1 जुलाई 2016 को इसे बेड़े में शामिल किए जाने के बाद से सुलूर में ही तैनात है। वायुसेना के स्क्वाड्रन नंबर 45 फ्लाइंग ड्रैग्र्स का गठन बेंगलूरु में हुआ था और बाद में इसे कोयम्बत्तूर Coimbatore स्थानांतरित कर दिया गया।
मौके पर जुटी भीड़
रक्षा सूत्रों के मुताबिक घटना सुबह करीब 8.40 बजे की है। तेजस सुलूर वायुसैनिक अड्डे के पास नियमित उड़ान पर था। तभी अचानक विमान का ईंधन टैंक गिर गया। टैंक सुलूर के पास एक खेत में गिरा जहां कुछ मजदूर काम कर रहे थे। करीब 1200 लीटर के टैंक गिरने के कारण वहां तीन फीट गहरा गड्ढा हो गया और थोड़ी सी आग भी लगी। रक्षा सूत्रों के मुताबिक हादसे में किसी को चोट नहीं आई। एक रक्षा प्रवक्ता ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि सब कुछ सुरक्षित है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक हादसे के बाद विमान सुलूर वायुसैनिक अड्डे पर सुरक्षित उतर गया। मौके पर वायुसेना और पुलिस के अधिकारी पहुंच चुके हैं। हादसे के कारणों की जांच चल रही है। बताया जा रहा है कि गिरा टैंक विमान का बाहरी ईंधन टैंक Drop Tank था और उसमें आग लगने के बाद उसे पायलटों ने गिराया था। इस मामले में वायुसेना के विस्तृत बयान की प्रतीक्षा की जा रही है। ईरुगुर के चिन्नीयमपालयम इलाके जहां खेत में टैंक गिरा वहां काफी संख्या में स्थानीय लोगों की भीड़ एकत्रित हो गए। टैंक के टुकड़े खेत में बिखरे पड़े थे।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक घटना सुबह करीब 8.40 बजे की है। तेजस सुलूर वायुसैनिक अड्डे के पास नियमित उड़ान पर था। तभी अचानक विमान का ईंधन टैंक गिर गया। टैंक सुलूर के पास एक खेत में गिरा जहां कुछ मजदूर काम कर रहे थे। करीब 1200 लीटर के टैंक गिरने के कारण वहां तीन फीट गहरा गड्ढा हो गया और थोड़ी सी आग भी लगी। रक्षा सूत्रों के मुताबिक हादसे में किसी को चोट नहीं आई। एक रक्षा प्रवक्ता ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि सब कुछ सुरक्षित है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक हादसे के बाद विमान सुलूर वायुसैनिक अड्डे पर सुरक्षित उतर गया। मौके पर वायुसेना और पुलिस के अधिकारी पहुंच चुके हैं। हादसे के कारणों की जांच चल रही है। बताया जा रहा है कि गिरा टैंक विमान का बाहरी ईंधन टैंक Drop Tank था और उसमें आग लगने के बाद उसे पायलटों ने गिराया था। इस मामले में वायुसेना के विस्तृत बयान की प्रतीक्षा की जा रही है। ईरुगुर के चिन्नीयमपालयम इलाके जहां खेत में टैंक गिरा वहां काफी संख्या में स्थानीय लोगों की भीड़ एकत्रित हो गए। टैंक के टुकड़े खेत में बिखरे पड़े थे।