चूरू

सरकार व शिक्षा सचिवालय ने जिसे माना पात्र उसे निदेशालय ने ठहराया अयोग्य

तीन वर्षीय अनिवार्य अंग्रेजी विषय के मामले में मंगलवार को राजस्थान सरकार व शिक्षा सचिवालय ने रीट भर्ती 2018 में सीमावर्ती जिलों के अभ्यर्थियों को पात्र करार देते हुए भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का आदेश दिया था।

चूरूMar 01, 2019 / 01:15 pm

Madhusudan Sharma

सरकार व शिक्षा सचिवालय ने जिसे माना पात्र उसे निदेशालय ने ठहराया अयोग्य

चूरू. तीन वर्षीय अनिवार्य अंग्रेजी विषय के मामले में मंगलवार को राजस्थान सरकार व शिक्षा सचिवालय ने रीट भर्ती 2018 में सीमावर्ती जिलों के अभ्यर्थियों को पात्र करार देते हुए भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का आदेश दिया था। लेकिन बुधवार को प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी की गई रिसफल व वेटिंग लिस्ट में एक बार फिर से घोर लापरवाही सामने आई है। गौरतलब है कि इस लिस्ट में जहां तीन वर्षीय अनिवार्य अंग्रेजी स्नातक ज्यादातर अभ्यर्थियों को शामिल किया गया है। लेकिन दर्जनों अभ्यर्थियों को अलग से रिजेक्ट लिस्ट में शामिल करते हुए अपात्र की श्रेणी में डाल दिया गया है। एक ही भर्ती में एक ही प्रकार की योग्यता रखने वाले विभिन्न अभ्यर्थियों के साथ निदेशालय का यह दोगला व्यवहार राजस्थान सरकार के आदेश तथा हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सरासर अवहेलना है। साथ ही पात्र होने के बावजूद दर्जनों अभ्यर्थियों को एक बार फिर रीट भर्ती 2016 की तरह ही लेवल-2 टीजीटी अंग्रेजी की इस भर्ती में अवैध तरीके से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। निदेशालय का उक्त फैसला एक बार फिर से रीट भर्ती की नियुक्ति प्रक्रिया पर प्रश्न चिन्ह लगाने वाला है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उक्त पात्र अभ्यर्थियों की लिस्ट से बाहर कर रिजेक्ट लिस्ट में डाले गए इन अभ्यर्थियों का मैरिट क्रमांक नए अभ्यर्थियों को अलॉट कर दिया गया है। देखना यह है कि निदेशालय की इस लापरवाही के प्रति सरकार तथा शिक्षा विभाग क्या कदम उठाता है।
नहीं माना सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट की सिंगल व डबल में याचिकाकर्ता मनीषा रानी को भर्ती में शामिल करने का आदेश दिया था। शिक्षा विभाग राजस्थान भी मंगलवार को अपने आदेश में उक्त अभ्यर्थी को भर्ती प्रक्रिया शामिल करने का आदेश दिया था। लेकिन निदेशालय ने गुरुवार को उक्त अभ्यर्थी को भी अपात्र की सूची में डाल दिया। इसी तरह के अन्य अभ्यर्थी भी अपात्र की सूची में डाल दिए गए हैं जबकि दर्जनों अभ्यर्थियों शामिल कर लिए गए हैं।
सूची सुधारकर प्रकाशित करवाएंगे
&विभिन्न जिला शिक्षा अधिकारियों से पहले सूची मंगवाई गई थी, जिसके आधार पर लिस्ट जारी की गई थी। मामला सामने पर इसकी जांच करवाई है। शुक्रवार को
इसे सही करवाकर दुबारा सूची जारी कर दी जाएगी। समान योग्यताधारियों के साथ
अन्याय नहीं होगा।
ओमप्रकाश, निदेशक प्राथमिक शिक्षा, बीकानेर

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