ऐयरपोर्ट की आई पांच सदस्यीय टीम
किशनगढ़ एयरपोर्ट के निदेशक बी.एल. मीणा के निर्देशन में सहायक महाप्रबंधक खेमराज मीणा की पांच सदस्यीय टीम ने रतनगढ़ पीडल्यूडी के सहायक अभियंता रामनिवास शर्मा के साथ पड़िहारा हवाई पट्टी का निरीक्षण किया। टीम की रिपोर्ट के आधार पर मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन की ओर स हवाई पट्टी पर काम किया जायेगा।
किशनगढ़ एयरपोर्ट के निदेशक बी.एल. मीणा ने बताया कि मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन का मकसद हवाई सुविधाओं के विकास और एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही के बीच चार्टर्ड प्लेन के बढ़ते फेरों की एयरपोर्ट पर निर्भरता कम करना है। उन्होंने बताया कि किशनगढ़ एयरपोर्ट को नागौर और पड़िहारा हवाई पट्टी के लिए तकमीना बनाया गया है। पड़िहारा हवाई स्ट्रिप का जायजा लेकर वहां भी बड़े विमानों की आवाजाही के लिए संभावनाएं तलाशी जा रही है।
हवाई पट्टी विकसित करने के लिए अनुकूल
पड़िहारा हवाई पट्टी पर मौजूदा रनवे 1500 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा है। यहां से नजदीकी किशनगढ़ एयरपोर्ट की दूरी 150किलोमीटर है। यहां हवाई पट्टी के एक तरफ रेलवे लाइन और दूसरी तरफ राजमार्ग है। साथ ही रनवे पट्टी के पास जल निकाय मौजूद है। यहां एटीआर 72 विमान के लिए विकसित किए जाने की संभावना देखी जा रही है।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
पड़िहारा हवाई पट्टी विकसित होने से ताल छापर अभयारण्य और सालासर सहित आस-पास के धार्मिक स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ इंडस्ट्रियल एरिया के चलते हवाई पट्टी के विकसित करने के ज्यादा संभावना बढ़ रही है। राजस्थान की 14 हवाई पट्टियां होंगी विकसित
निदेशक बी.एल. मीणा ने बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से नार्दन रीजन में जमू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उतर प्रदेश और राजस्थान की 33 हवाई पट्टियां विकसित की जाएगी, जिनमें राजस्थान की 14 हवाई पट्टी है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत सिरोही, आबूरोड (सिरोही), नून (जालोर) और बांसवाड़ा हवाईपट्टी का
उदयपुर एयरपोर्ट, फलोदी का जैसलमेर, अलवर और तारपुरा सीकर का जयपुर, सवाईमाधोपुर और झालावाड़ का कोटा, भरतपुर का आगरा, लालगढ़ जाटान श्रीगंगानगर का भटिंडा एयरपोर्ट, सोजत पाली हवाई पट्टी का जोधपुर, नागौर और पड़िहारा चूरू हवाईपट्टी का जिम्मा किशनगढ़ एयरपोर्ट को दिया गया है।