मंत्री-विधायकों की डिजायर के अलावा गाइडलाइन के 21 बिंदुओं को पूरा करने वाले शिक्षकों को ही प्राथमिकता दी जाएगी। बताया जा रहा है कि जून में तबादलों से रोक हटने के साथ शिक्षकों से आवेदन मांगे जाएंगे। जिला बदलने के लिए वर्तमान जिले में 5 साल की नौकरी अनिवार्य होगी। इसके साथ ही 3 साल के रिजल्ट को भी देखा जाएगा। न्यून परीक्षा परिणाम वाले शिक्षकों को तबादलों में मौका नहीं मिलेगा। आपको बता दें कि यह गाइडलाइन लेवल-1, लेवल-2, प्रबोधक, पीटीआई, लाइब्रेरियन सहित ग्रेड थर्ड प्रयोगशाला सहायक पर लागू होगी। गौरतलब है कि वर्ष 2018 के बाद तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं हुए हैं।
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इनको मिलेगी वरीयता
– दिव्यांग, बीमार और विधवा शिक्षकों को वरीयता मिलेगी
– लगातार 3 वर्ष तक जिन स्कूलों के द्वारा 5वीं और आठवीं के लिए 5 स्टार रेटिंग प्राप्त की गई है। इस पूर्ण अवधि में स्कूलों में लेवल-1 व 2 को उनके इच्छित स्थान में स्थानांतरण की प्राथमिकता दी जाएगी।
– पूर्णत: दिव्यांग शिक्षक, गंभीर बीमार शिक्षक, गंभीर बीमार पति, पत्नी आश्रित बच्चे जिन्हें मेडिकल सहायता की विशेष आवश्यकता।
– विधवा, परित्यक्ता, वर्तमान में सेवारत सैनिकों की पत्नियां।
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इन पैरामीटर को करना होगा पूरा
– पद विरुद्ध नहीं होंगे ट्रांसफर, स्थानांतरण समान पद व विषय के ही।
– जिनकी 6(3) की कार्रवाई हो चुकी है उनके अंतर जिला तबादले संबंधित डीईओ माध्यमिक करेंगे।
– पंचायत राज विभाग के अधीन शिक्षक जिन्हें 6(3) के तहत शिक्षा विभाग में स्थानांतरित नहीं किया गया है इनका तबादला पंचायत राज विभाग के सक्षम अधिकारी करेंगे।
– परिवीक्षा काल में स्थानांतरण नहीं होंगे।