पिता की हत्या के आरोप में हत्यारे पुत्र को अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। गुरुवार को न्यायालय की ओर से दिए गए निर्णय में एक ओर यह बात भी विशेष रही कि न्यायालय ने पीडि़त परिजनों को पीडि़त प्रतिकर अधिनियम के अन्तर्गत पांच लाख रुपए प्रतिकर स्वरूप दिए जाने की अनुशंषा की गई है। घटनाक्रम अनुसार हमीरवास थाने में 14 मार्च 2017 को दर्ज मामले में अनुसार शाम को होलिका दहन के बाद आदतन शराबी विकास कुमार घर पहुुंचा तथा पिता चंद्रभान व मां संतोष पर सरियों से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। शोरशराबा होने पर पड़ोसी इकट्ठा हो गए तो आरोपी फरार हो गया। पिता चंद्रभान की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के समय पिता टीवी पर बाबा रामदेव के योगासन देख रहा था तथा मां खाना बना रही थी। थानाधिकारी ने बताया कि आरोपी विकास आदतन शराबी है। आरोपी ने घर पहुंचकर पिता को कमरे में बंद कर लोहे के सरियों से जमकर पीट। पिता की चीख को सुनकर मां संतोष ने दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया। तो आरापी ने दरवाजा खोलकर मां पर भी हमला बोल दिया। दोनों को मृत समझकर व लोगों को देखकर आरोपी फरार हो गया। पुलिस ने घटना का मौका-निरीक्षण किया तथा हत्या के
काम में लिए गए सरिए को बरामद किया।
काम में लिए गए सरिए को बरामद किया।
पत्नी व मां की गवाही पर मिली सजा मृतक चंद्रभान के दामाद हरपालू रामधन निवासी सोमवीर ने मामला दर्ज करवाया था। मामले में न्यायाधीश संतोष कुमार मित्तल ने पत्रावलियों पर आए साक्ष्यों, गवाहों एवं सबूतों का अवलोकन कर आरोपी विकास कुमार को दोषी माना तथा धारा 302 में आजीवन कारावास तथा धारा 325 में तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई। मामले में आरोपी की माता एवं पत्नी रेणू की गवाही महत्वपूर्ण रही। परिवादी की ओर से मामले में लोक अभियोजन अधिकारी बजरंगगिरि गोस्वामी तथा एडवोकेट जितेन्द्र सहारण तथा अजय सहारण ने पैरवी की। आरोपित गिरफ्तारी के बाद से जेल में ही बंद था। जिसकी जमानत नहीं हो पाई थी। गौरतलब है कि आरोपित ने वर्ष 2010 में अपनी पत्नी पर भी जानलेवा हमला किया था। जिसके कारण उसकी पत्नी घर छोड़कर चली गई थी तथा आरोपित विकास अपने माता-पिता का एक ही पुत्र था।