स्कूल भवन पर अंकित है अच्छे संदेश
पौधरोपण के साथ साथ स्कूल भवन का रंग रोगन करवाकर सूरत बदलने के साथ ही दीवारों पर आकर्षक ढंग से बालिका शिक्षा, पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य व स्वच्छता संबंधी संदेश अंकित किए गए। बिजली जाने पर बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो इसलिए डबल बैटरी इन्वर्टर की व्यवस्था भी की गई है। खास बात यह है कि स्कूल के बदलते स्वरूप को देखते हुए अभिभावक भी मदद के लिए आगे आने लगे हैं। सीबीईओ बबलेश शर्मा ने बताया कि प्रधानाध्यापक गोठवाल की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी ही कम है। इनका विद्यालय के प्रति समर्पण, त्याग, विद्यालय के प्रति लगाव, जोश, जज्बा तारीफ ए काबिल है। ग्रीष्मावकाश में भी लगातार विद्यालय में जाकर विद्यालय की सेवा कर रहे हैं ये अनुकरणीय है। अल्प समय के कार्यकाल में इन्होंने विद्यालय की कायापलट कर दी।
भामाशाहों की मदद ली, स्टाफ ने भी दिया योगदान
स्कूल की दशा सुधारने के लिए पहले भामाशाहों की मदद के साथ खुद एवं स्टाफ ने भी पैसा खर्च किया। गोठवाल ने बताया की पूरे स्कूल का रिनोवेशन किया गया। इस काम में भामाशाहों की मदद तो ली ही गई। साथ ही विद्यालय का स्टाफ और संस्था प्रधान भी पीछे नहीं रहे। विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए स्कूल में पौधे लगाए गए। जिससे स्कूल में हर तरफ हरियाली है।
इच्छा शक्ति से ही बदल दी तस्वीर
शिक्षक चाह जाएं तो स्कूल का माहौल बदल सकता है। ऐसा ही कुछ प्रयास विद्यालय के स्टाफ साथियों और संस्था प्रधान ने और उसमें सहयोग दिया ग्रामीणों और गांव के युवा सथियो ने। सभी ने मिलकर स्कूल की तस्वीर ही बदल दी। स्कूल और शिक्षा व्यवस्थाओं सुधारने के जुनून के साथ सरकारी स्कूल का कायाकल्प ही कर दिया। डेढ़ साल में इस स्कूल की तस्वीर बदल कर नजीर पेश की है। स्कूल में नामांकन बढ रहा है।
इनका कहना है
&जिस स्थान पर हम काम करते हैं उसे यदि अपना मान कर काम किया जाए तो नामुमकिन कुछ भी नहीं है। जब मैंने इस स्कूल का कार्यभार संभाला तो मेरी स्वर्गीय पूजनीय माताजी के आशीर्वाद से मन में चाह थी कि जहां काम कर रहा हूं उस स्थान के लिए कुछ कर सकूं। स्टाफ एंव ग्रामीणों सरपंच और युवा साथियों ने मदद की और परिणाम आपके सामने हैं।
पवन गोठवाल, प्रधानाध्यापक, राउप्रावि लुटाना मगनी