चूरू

अनूठी कहानी, सावन में हर सोमवार को यहां शिव दर्शनों के लिए आते हैं नाग

प्राचीन मंगलेश्वर महादेव मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। मंदिर के पुजारी परिवार के कैलाश हारित ने बताया कि मंदिर करीब 240 साल पुराना है। मंदिर स्थापना के बाद से अब तक उनकी चार पीढ़ियां सेवा कर रही हैं।

चूरूJul 17, 2023 / 02:59 pm

Kamlesh Sharma

प्राचीन मंगलेश्वर महादेव मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। मंदिर के पुजारी परिवार के कैलाश हारित ने बताया कि मंदिर करीब 240 साल पुराना है। मंदिर स्थापना के बाद से अब तक उनकी चार पीढ़ियां सेवा कर रही हैं।

चूरू। शहर की स्थापना के बाद निर्मित सब्जी मंडी स्थित प्राचीन मंगलेश्वर महादेव मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। मंदिर के पुजारी परिवार के कैलाश हारित ने बताया कि मंदिर करीब 240 साल पुराना है। मंदिर स्थापना के बाद से अब तक उनकी चार पीढ़ियां सेवा कर रही हैं।

मंदिर की खास बात ये है कि सावन के प्रत्येक सोमवार को जलाभिषेक व गण पूजा के दौरान नाग मंदिर में आते हैं। बरसों से ये सिलसिला जारी है। नाग शिवलिंग से लिपट कर दर्शन देते हैं। इन्हें देखने श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है। नागों ने अब तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। सावन के मौके पर शिवभक्त महादेव का रोजाना जलाभिषेक करते हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर की मान्यता है कि यहां बाबा भोलेनाथ भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं।

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जमीन से निकला था शिवलिंग…
पुजारी परिवार के कैलाश हारित ने बताया कि राजाओं के दौर में शहर के तत्कालीन ठाकुर हवेली का निर्माण करवा रहे थे। नीवं के लिए जमीन की खुदाई की तो उसमें से शिवलिंग निकला। इसके बाद हवेली बनवाने का विचार त्याग दिया गया। ठाकुरों ने अपने पिता के नाम से मंदिर बनवाकर उसमें शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा करवा दी। मंदिर का नाम पुजारी मंगलचंद हारित के नाम से मंगलेश्वर महादेव प्रचलित हुआ।

जयपुर से पैदल लाए चौमुखी शिवलिंग…
कैलाश हारित ने बताया कि मंदिर में चौमुखी शिवलिंग भी विराजित है। जिसे उनके पूर्वज जयपुर से पैदल लाए व उसकी स्थापना की। मंदिर के मुख्य मंडप में शिवलिंग के अलावा शिव-पार्वती, नंदी व गणेश आदि की मूर्तियां विराजमान है। एक अन्य मंडप में धूणा है। इसके अलावा राम-हनुमान सहित अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी मंदिर में विराजित हैं।

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