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Rajasthan Heat Wave: हीट स्ट्रोक से इन लोगों को होता है सबसे ज्‍यादा खतरा, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

Heat Stroke News : राजस्थान में भीषण गर्मी के चलते आप भी तापघात की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए कुछ सावधानी जरूर बरतें।

चूरूMay 26, 2024 / 04:16 pm

Santosh Trivedi

राजस्थान में अत्यधिक गर्मी व लू-तापघात के चलते चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने आमजन से एहतियात बरतने की अपील की है। अत्यधिक गर्मी व लू-तापघात होने से आमजन तापघात की चपेट में आ सकते हैं। गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बुर्जुगों व जिनकी इम्‍युनिटी वीक है उनको विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। मजदूर व जो लोग अपना ज्यादातर समय फील्ड वर्क में देते हैं। उनको भी सावधान बरतनी चाहिए।

Symptoms Of Heat Stroke: तापघात के लक्षण

लू-तापघात की चपेट में आए मरीजों के लिए चिकित्सा संस्थान पर अलग से बैड रिजर्व रखने, पंखे, कूलर की व्यवस्था करने तथा सभी ब्लॉक व सीएचसी स्तर पर रेपिड रिस्पोंस टीमों का भी गठन किया गया। चूरू जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा ने आमजन से अपील की है कि जब भी बाहर निकलें, छाता व पानी आदि की व्यवस्था कर घर से निकलें।
चूरू सीएमएचओ डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि सभी अस्पतालों में रोगियों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, संस्थान में रोगी के उपचार के लिए आपातकालीन किट में ओआरएस, ड्रिपसेट सहित अन्य आवश्यक दवाइयां रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही चिकित्सा व्यवस्था सुचारू रखने के निर्देश दिए हैं। वहीं सभी ब्लॉक के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं। उन्होंने बताया कि शरीर में लवण व पानी अपर्याप्त होने पर विषम गर्म वातावरण में तापघात (हीट स्ट्रोक) से सिर का भारीपन व अत्यधिक सिरदर्द होने लगता है।
इसके अलावा अधिक प्यास लगना, शरीर में भारीपन के साथ थकावट, जी मिचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढना, पसीना आना बंद होना, मुंह का लाल हो जाना, त्वचा का सूखा होना, अत्यधिक प्यास का लगना व बेहोशी जैसी स्थिति का होना आदि लक्षण आने लगते हैं। ऐसे में रोगी को तुरंत छायादार जगह पर कपड़े ढीले कर लेटा दिया जाना चाहिए। रोगी को होश मे आने की दशा मे उसे ठण्डा पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल, कच्चा आम का पन्ना दें। उन्होंने बताया कि यदि उक्त सावधानी के बाद भी मरीज ठीक नहीं होता है, तो उसे तत्काल निकट की चिकित्सा संस्थान ले जाया जाए।

Heat Stroke: बचाव के लिए सावधानी बरतना आवश्यक

सीएमएचओ ने बताया कि जहां तक सम्भव हो धूप में न निकलें, धूप में शरीर पूर्ण तरह से ढका हो। धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले व सूती कपड़ों का उपयोग करें। बहुत अधिक भीड़ व गर्म घुटन भरे कमरों से बचें। बिना भोजन किए बाहर न निकलें। गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर को गमछे या तौलिये से ढक कर ही जरूरी होने पर बाहर निकलें। रंगीन चश्में एवं छतरी का प्रयोग करें।
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गर्मी में हमेशा पानी अधिक मात्रा में पिएं एवं पेय पदार्थो जैसे निंबू पानी, नारियल पानी, ज्यूस आदि का प्रयोग करें। अधिक गर्मी से प्राय हाईरिस्क श्रेणी वाले लोग जैसे कि कुपोषित बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिलाएं व शुगर, बीपी आदि के मरीज शीघ्र प्रभावित होते हैं। यथासंभव इन्हें बाहर न निकलने दें व इनका विशेष ध्यान रखें। स्वास्थ्य संबंधी जरूरत होने पर तत्काल 108 को कॉल करें या मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाएं। नरेगा अथवा अन्य श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया एवं पानी का पूर्ण प्रबन्ध रखा जावे ताकि श्रमिक थोड़ी-थोड़ी देर में छायादार स्थानों पर विश्राम कर सकें।

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