क्या है बाल वाटिका
बाल वाटिका योजना के तहत प्राइमरी क्लास से पहले बाल विकास के लिए नींव मजबूत करने का कार्य किया जाता है। जिसमें तरह-तरह के खेलों के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने, लिखने तथा संख्याओं को समझने की शिक्षा दी जाती है। साथ ही उनके दिमाग को भी विकसित किया जाता है, जिससे बच्चों में ओर भी क्रिएटिविटी आए ओर शिक्षा ग्रहण करने के लिए अच्छे से तैयार हो सके। यानि, नींव मजबूत करना ही बाल वाटिका का उदे्श्य है।
बाल वाटिका योजना के तहत प्राइमरी क्लास से पहले बाल विकास के लिए नींव मजबूत करने का कार्य किया जाता है। जिसमें तरह-तरह के खेलों के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने, लिखने तथा संख्याओं को समझने की शिक्षा दी जाती है। साथ ही उनके दिमाग को भी विकसित किया जाता है, जिससे बच्चों में ओर भी क्रिएटिविटी आए ओर शिक्षा ग्रहण करने के लिए अच्छे से तैयार हो सके। यानि, नींव मजबूत करना ही बाल वाटिका का उदे्श्य है।
सीसीई पेटर्न पर होगा मूल्यांकन
पूर्व प्राथमिक बाल वाटिका कक्षाओ के लिए पाठ्यचर्चा व पाठ्य पुस्तकें राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उदयपुर द्वारा तैयार की गई है। यह किताबें राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल जयपुर द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी। आंकलन सतत ओर व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) पद्धति के अनुसार किया जाएगा। इसमें बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, दिन-प्रतिदिन के अनुभव, कला कार्य, भागीदारी एवं व्यवहार को शामिल किया जाएगा।
पूर्व प्राथमिक बाल वाटिका कक्षाओ के लिए पाठ्यचर्चा व पाठ्य पुस्तकें राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उदयपुर द्वारा तैयार की गई है। यह किताबें राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल जयपुर द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी। आंकलन सतत ओर व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) पद्धति के अनुसार किया जाएगा। इसमें बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, दिन-प्रतिदिन के अनुभव, कला कार्य, भागीदारी एवं व्यवहार को शामिल किया जाएगा।
यह होगा लाभ
बाल वाटिका से शिक्षा के आधार पर बच्चों को कई फायदे होंगे। यहां दाखिल होने से बच्चो में सकारात्मक सुधार देखने को मिलेगा। जैसे की उन्हे सीधे प्राइमरी क्लॉस में दाखिले से उनका जो माइंडसेट है वो अभी घर में खेलने वाला हीे होता है। ऐसे में कुछ बच्चे शुरू के प्राइमरी क्लास के 1-2 साल तो कुछ समझ ही नहीं पाते है ओर समय भी बीत जाता है। ऐसे में इन बच्चो का मस्तिष्क भी सही से विकसित नहीं हो पाता। प्री-प्राइमरी में आने से बच्चे प्राइमरी कक्षाओ में अच्छे से शिक्षा ग्रहण कर पाने के लिए पूरी तरह से तैयार रहेंगे। बाल वाटिका प्री प्राइमरी क्लासेज सिर्फ चार घंटे संचालित होगी। इसके लिए सर्दी में एक अक्टूबर से 31 मार्च तक सुबह 10 से 2 बजे तक स्कूल का संचालन होगा। वहीं एक अप्रेल से 30 सितम्बर तक सुबह 8 से 12 बजे तक स्कूल चलेंगे। सप्ताह में पांच दिन क्लासेज चलेगी ओर शनिवार व रविवार अवकाश रहेगा।
बाल वाटिका से शिक्षा के आधार पर बच्चों को कई फायदे होंगे। यहां दाखिल होने से बच्चो में सकारात्मक सुधार देखने को मिलेगा। जैसे की उन्हे सीधे प्राइमरी क्लॉस में दाखिले से उनका जो माइंडसेट है वो अभी घर में खेलने वाला हीे होता है। ऐसे में कुछ बच्चे शुरू के प्राइमरी क्लास के 1-2 साल तो कुछ समझ ही नहीं पाते है ओर समय भी बीत जाता है। ऐसे में इन बच्चो का मस्तिष्क भी सही से विकसित नहीं हो पाता। प्री-प्राइमरी में आने से बच्चे प्राइमरी कक्षाओ में अच्छे से शिक्षा ग्रहण कर पाने के लिए पूरी तरह से तैयार रहेंगे। बाल वाटिका प्री प्राइमरी क्लासेज सिर्फ चार घंटे संचालित होगी। इसके लिए सर्दी में एक अक्टूबर से 31 मार्च तक सुबह 10 से 2 बजे तक स्कूल का संचालन होगा। वहीं एक अप्रेल से 30 सितम्बर तक सुबह 8 से 12 बजे तक स्कूल चलेंगे। सप्ताह में पांच दिन क्लासेज चलेगी ओर शनिवार व रविवार अवकाश रहेगा।
6 जनवरी से शुरू होगी क्लास
बाल वटिका में एडमिशन के लिए शेड्यूल जारी करने के साथ ही 6 जनवरी 2023 से क्लासेज शुरू करने के निर्देश दिए है। हालांकि शिक्षा सत्र का अधिकांश हिस्सा बीत चुका है ओर स्कूल्स में फिलहाल एडमिशन का समय नहीं है। विभागीय अधिकारियों की ओर से उम्मीद जताई जा रही है कि बीच सत्र में भी बड़ी संख्या में सरकारी महात्मा गांधी स्कूल में प्री-प्राइमरी के एडमिशन होंगे। एडमिशन फॉर्म सम्बिन्धत स्कूलों से प्राप्त कर सकते है। कस्बे में महात्मा गांधी राजकीय विधालय में पूर्व प्राथमिक बाल वाटिका कक्षाओ में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। प्रधानाचार्य भागीरथ गर्ग ने बताया कि प्रवेश के लिए 15 दिसम्बर तक आवेदन किए जा सकते है। इसके बाद 16 दिसम्बर को प्राप्त आवेदनो की सूची नोटिस बार्ड पर चस्पा की जाएगी। वहीं 21 दिसम्बर को लॉटरी निकाली जाएगी।
बाल वटिका में एडमिशन के लिए शेड्यूल जारी करने के साथ ही 6 जनवरी 2023 से क्लासेज शुरू करने के निर्देश दिए है। हालांकि शिक्षा सत्र का अधिकांश हिस्सा बीत चुका है ओर स्कूल्स में फिलहाल एडमिशन का समय नहीं है। विभागीय अधिकारियों की ओर से उम्मीद जताई जा रही है कि बीच सत्र में भी बड़ी संख्या में सरकारी महात्मा गांधी स्कूल में प्री-प्राइमरी के एडमिशन होंगे। एडमिशन फॉर्म सम्बिन्धत स्कूलों से प्राप्त कर सकते है। कस्बे में महात्मा गांधी राजकीय विधालय में पूर्व प्राथमिक बाल वाटिका कक्षाओ में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। प्रधानाचार्य भागीरथ गर्ग ने बताया कि प्रवेश के लिए 15 दिसम्बर तक आवेदन किए जा सकते है। इसके बाद 16 दिसम्बर को प्राप्त आवेदनो की सूची नोटिस बार्ड पर चस्पा की जाएगी। वहीं 21 दिसम्बर को लॉटरी निकाली जाएगी।
इन स्कूलों में शुरू होगी बाल वाटिका
बीदासर के बेरासर व सांडवा, चूरू के खासोली व झारिया, रतनगढ़ के लोहा, बापूनगर, खाकी धोरा, राजगढ़ के सादुलपुर व सांखू, सरदारशहर के मैलूसर बीकान, झालरिया, फौगां, आसलबास, सुजानगढ़ के भीमसर, गोपालपुरा, जेतासर, सालासर, गांधी बस्ती, तारानगर के बांय, भालेरी, बुचावास, धीरवास बड़ा, कोहिना, नवीन तारानगर व राजपुरा में बाल वाटिका शुरू होगी।
बीदासर के बेरासर व सांडवा, चूरू के खासोली व झारिया, रतनगढ़ के लोहा, बापूनगर, खाकी धोरा, राजगढ़ के सादुलपुर व सांखू, सरदारशहर के मैलूसर बीकान, झालरिया, फौगां, आसलबास, सुजानगढ़ के भीमसर, गोपालपुरा, जेतासर, सालासर, गांधी बस्ती, तारानगर के बांय, भालेरी, बुचावास, धीरवास बड़ा, कोहिना, नवीन तारानगर व राजपुरा में बाल वाटिका शुरू होगी।
इनका कहना है
चूरू जिले के 62 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में से 25 स्कूलो में बाल वाटिका शुरू की गई है। जिनका उदे्श्य प्राइवेट स्कूलो की पूर्व प्राथमिक कक्षाओ के विकल्प के रूप में राजकीय विधालयो में अंग्रेजी माध्यम से प्री-प्राथमिक कक्षाएं शुरू की जा रही है।
कमल शर्मा, एडीईओ मा. शिक्षा, चूरू
चूरू जिले के 62 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में से 25 स्कूलो में बाल वाटिका शुरू की गई है। जिनका उदे्श्य प्राइवेट स्कूलो की पूर्व प्राथमिक कक्षाओ के विकल्प के रूप में राजकीय विधालयो में अंग्रेजी माध्यम से प्री-प्राथमिक कक्षाएं शुरू की जा रही है।
कमल शर्मा, एडीईओ मा. शिक्षा, चूरू