विधायक ने विधानसभा में अपनी बात रखते हुए बताया कि विधानसभा क्षेत्र रतनगढ़ एवं चूरू जिले सहित पूरे राजस्थान में आए दिन बालिग एवं नाबालिग, विवाहित कुछ लड़कियों द्वारा अपने माता-पिता एवं बच्चों को अकेला छोड़कर अन्य लड़कों के साथ अपनी मर्जी से या कुछ लड़कों के बहकावे में आकर या भावुकता व अन्य कोई लालच में आकर घर छोडकर चले जाना कितना असामाजिक व शर्मनाक है। माता-पिता मजबूरन पुलिस थाने में जाकर गुमशुदगी दर्ज करवाते हैं और ऐसे प्रकरण में पुलिस और माता-पिता व अन्य परिवार जन उन लड़के – लडकियों की खोजबीन के लिए कई दिनों तक फिरते रहते हैं, और जब वो लडके – लड़कियां बरामद हो जाती हैं। फिर भी ज्यादातर लड़कियां अपने माता-पिता को ही जान माल का खतरा बताकर या उनको अपरिचित बताकर उनसे बचने के लिए पुलिस से सुरक्षा मांग लेती है। वे उन प्रेमी लड़कों के साथ चली जाती हैं जिससे उनके माता पिता व परिवार जन की समाज में प्रतिष्ठा भी घटती है एवं साथ ही उनके लिए जीवन यापन करना बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाता है। ऐसे में कई परिवारों में आत्महत्या जैसे कदम भी उठाए हैं। इससे सबन्धित समाज के लिए बहुत बड़ा संकट खड़ा हो जाता है।
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