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Acharya Mahashrama- अंत:क्रिया सभी दु:खों से मुक्त कराने वाली होती है- आचार्य महाश्रमण

चूरू (छापर). जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्याहरवें आचार्य महाश्रमण ने शनिवार को प्रवचन पांडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं को भगवती सूत्र के माध्यम से पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि क्या जीव अन्तक्रिया करता है तो शास्त्रकार ने बताया कि कोई जीव अंतक्रिया करता है और कोई जीव नहीं भी करता है। अंतक्रिया सभी दु:खों से मुक्त कराने वाली होती है।

चूरूJul 24, 2022 / 12:47 pm

Vijay

Acharya Mahashrama- अंत:क्रिया सभी दु:खों से मुक्त कराने वाली होती है- आचार्य महाश्रमण

Acharya Mahashrama- अंत:क्रिया सभी दु:खों से मुक्त कराने वाली होती है- आचार्य महाश्रमण

प्रवचन पांडाल में आचार्य ने भगवती सूत्र के माध्यम से दी पावन प्रेरणा
चूरू (छापर). जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्याहरवें आचार्य महाश्रमण ने शनिवार को प्रवचन पांडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं को भगवती सूत्र के माध्यम से पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि क्या जीव अन्तक्रिया करता है तो शास्त्रकार ने बताया कि कोई जीव अंतक्रिया करता है और कोई जीव नहीं भी करता है। अंतक्रिया सभी दु:खों से मुक्त कराने वाली होती है। कर्म क्षय की अंतिम क्रिया होती है। संसार में दो प्रकार के जीव हैं। पहले वे जो कभी अंतक्रिया कर मोक्ष को प्राप्त करेंगे और मोक्ष में जाएंगे ही नहीं। सर्वदु:ख से मुक्ति ही मोक्ष की प्राप्ति है।
संसार में प्राणियों को दु:ख से डर लगता है। आदमी दु:ख से बचने का भी प्रयास करता है। जब तक आदमी के भीतर कषाय, तृष्णा और विकार होता है, आदमी को दु:ख से मुक्ति नहीं मिल सकती है। ये ही तत्त्व आदमी के दु:ख का कारण बनते हैं। आदमी को संसार में रहते हुए भी संसार से अनासक्त रहने का प्रयास करना चाहिए। जिस प्रकार कमल पानी में रहते हुए पानी से निरलेप रहता है, उसकी प्रकार आदमी संसार में रहते हुए अनासक्त रहने का प्रयास करे। गृहस्थावस्था में प्रारम्भजा और प्रतिरक्षात्मकी ङ्क्षहसा से बचाव न भी हो तो आदमी को यह प्रयास करना चाहिए वह कभी संकल्पजा ङ्क्षहसा में न जाए। गृहस्थ जीवन में रहते हुए भी अपनी आत्मा को निर्मल बनाने का प्रयास हो तो संभवत: कभी दु:ख से मुक्ति अर्थात् मोक्ष की प्राप्ति भी हो सकती है।
आचार्यश्री ने कालूयशोविलास का वर्णन करते हुए कहा कि आचार्य माणकगणी के महाप्रयाण के उपरान्त संतों ने ङ्क्षचतन कर तेरापंथ धर्मसंघ के सातवें आचार्य के रूप में डालगणी के तेरापंथ के सातवें आचार्य के रूप में प्रतिष्ठित होने तक के इतिहास पर प्रकाश डाला। पंजाब नेशनल बैंक के राजस्थान के महाप्रबन्धक आरके वाजपेयी ने कहा कि मेरा बड़ा सौभाग्य है जो मुझे सपरिवार आचार्यश्री के दर्शन करने और मंगल प्रवचन को सुनने का सुअवसर मिला। आपके प्रवचन जीवन को नई दिशा देने वाले हैं। आचार्यश्री ने उन्हें मंगल आशीर्वाद प्रदान किया। तेरापंथ युवक परिषद-छापर के तत्वावधान में आचार्यश्री के भीलवाड़ा चतुर्मास प्रवेश लेकर छापर चतुर्मास प्रवेश तक छापरवासियों ने कुल ११६३ उपवास किए। इसके संदर्भ में तेरापंथ युवक परिषद-छापर के कार्यकर्ताओं व चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष माणक नाहटा, उपाध्यक्ष नरेंद्र नाहटा, तेरापंथ सभा के विजय सेठिया, महिला मंडल अध्यक्ष सरिता सुराणा व अलका बैद ने आचार्यश्री के समक्ष उपवास करने वालों के नामों से युक्त एक कृति समर्पित की तो आचार्यश्री ने उन्हें पावन प्रेरणा व मंगल आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर इस उपक्रम के संयोजक श्री मुकेश नाहटा ने इस संदर्भ में अपनी अवगति प्रस्तुत की।

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