का प्रमाण पत्र, खनन व राजस्व विभाग की स्वीकृति सहित अन्य दस्तावेज व जानकारी पेश करें। दस्तावेज पेश नहीं करने की स्थिति में संबंधितों पर प्रशासन की तरफ से एक तरफा कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि कलक्टर अग्रवाल ने गत 25 मई को गोपालपुरा में जनसुनवाई की थी। इस दौरान ग्रामीणों ने क्षेत्र में अवैध खनन होने व के्रशर संचालकों के विरुद्ध शिकायत की थी। शिकायत में लिखा गया कि सन्1999 से ग्राम पंचायत की ओर से लगातार विरोध किए जाने पर जांच की गई थी। जांच में अवैध खनन की पुष्टि होने के बावजूद खनन लीज बंद नहीं की गई है।इससे जनस्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। उक्त अवैध खनन गोचर भूमि में होने से पशुपालकों को नुकसान हो रहा है। क्योंकि गोचर भूमि खुद-बुर्द हो रही है। पटवारी की रिपोर्ट के अनुसार आबादी से 80 व 120 मीटर की दूरी पर लगे क्रेशरों से उडऩे वाली मिट्टी से लोग टीबी व अन्य बीमारियों की जकड़ में आ
रहे हैं।