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कृषि मंडी में लौटी रौनक, प्रतिदिन 25 हजार मूंगफली बोरी की आवक, विदेशों में भी जाती है यहां की मूंगफली

कोरोना काल के बाद जहां किसान एक और निराश था वही सरदारशहर के अंदर किसानों ने जी तोड़ मेहनत कर धोरों की धरती में इस बार बड़े पैमाने में मूंगफली की खेती की और अब उन्हें उसका असर भी नजर आने लगा है।

चूरूNov 03, 2022 / 08:23 pm

Kamlesh Sharma

Daily arrival of 25 thousand groundnut sacks in Sardarshahar Mandi

कोरोना काल के बाद जहां किसान एक और निराश था वही सरदारशहर के अंदर किसानों ने जी तोड़ मेहनत कर धोरों की धरती में इस बार बड़े पैमाने में मूंगफली की खेती की और अब उन्हें उसका असर भी नजर आने लगा है।

सरदारशहर। कोरोना काल के बाद जहां किसान एक और निराश था वही सरदारशहर के अंदर किसानों ने जी तोड़ मेहनत कर धोरों की धरती में इस बार बड़े पैमाने में मूंगफली की खेती की और अब उन्हें उसका असर भी नजर आने लगा है। सरदारशहर की कृषि मंडी में जिस ओर देखो बड़े-बड़े ढेर मूंगफली के लगे हुए हैं किसानों की जी तोड़ मेहनत के दम पर इस दफा सरदारशहर में बड़ी तादाद के अंदर मूंगफली की पैदावार हुई है। विशेष बात यह है कि सरदारशहर की मूंगफली ना सिर्फ राजस्थान में बल्कि देश के कई हिस्सों में सप्लाई की जाती है साथ ही विदेशों में भी यहां की मूंगफली की मांग है। अच्छी मूंगफली की पैदावार होने के चलते स्थानीय मजदूरों को भी रोजगार मिला है। यहां की नहरी मूंगफली को राजस्थानी काजू नाम से भी जाना जाता है।

प्रतिदिन 25 हजार मूंगफली की बोरी की आवक
मण्डी में धीरे-धीरे मूंगफली की आवक बढ़ रही है। जिसके कारण मण्डी में मूंगफली के ढेर लगे हुए है। प्रतिदिन 25 हजार मूंगफली की बोरी की आवक होने से मंडी के व्यापारियों व पलदारों में उत्साह नजर आ रहा है। वही नहरी मूंगफली की मांग अधिक होने के साथ भाव भी तेज मिल रहे है। वही ट्यूबवैल की मंगफली के भाव कम मिल रहे है। नहरी मूंगफली के भाव 4500 से 5500 रूपये मिल रहे है। वही ट्यूबवैल की मंगफली के बार चार हजार से पांच हजार तक मिल रहे है।

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खरीद केंद्र शुरू नहीं होने से किसानों को हो रही है परेशानी
सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर मूंगफली की तुलाई शुरू नहीं होने से किसानों को उसकी उपज का कम भाव मिल रहा है। खरीद केन्द्र शुरू नहीं होने के कारण किसानों को मूंगफली औने पौने दामों में बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। किसानों को रबी की बुवाई के लिए खाद बीज खरीदने के लिए मंूगफली को कम दामों में बेचना पड़ रहा है। सरकार की ओर से मूंगफली का समर्थन मूल्य 5850 रूपये तय कर रखे है। वही मण्डी में किसानों को 4500 से लेकर 5500 रूपये मिल रहे है। जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

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किसानों व व्यापारियों के सामने यह रहती है समस्याएं
कृषि उपज मंडी में इस समय हर रोज करोड़ों रुपए का व्यापार होता है। लेकिन ना तो यहां बैंक की व्यवस्था है और ना ही कोई पुलिस चौकी की व्यवस्था। पुलिस प्रशासन की तरफ से पुलिस की भी ड्यूटी यहां पर नहीं लगाई गई है। जिसके चलते व्यापारियों और किसानों में हर समय लूट का भय बना रहता है। कई बार यहां पर लाखों रुपए की लूट को अंजाम दिया जा चुका है। व्यापारियों ने बताया कि मण्डी में सफाई की व्यवस्था तो मण्डी प्रशासन ने कर रखी है। यदि नगरपालिका प्रशासन कचरे को उठाने की व्यवस्था करदे तो कचरे से निजात मिल जाए। मण्डी में अभी तक किसानों के लिए ठहरने व भोजन की व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण किसानों को दूर जाकर ऊंचे दाम खर्च करने पड़ रहे है।

राजफेड ऑनलाइन पंजीकरण के लिए किसानों को सामान्य निर्देश
किसानों को अपनी उपज को एमएसपी पर बेचने के लिए अपने आधार कार्ड में अपना मोबाइल नंबर अपडेट रखे, जन आधार कार्ड में अपना बैंक खता और मोबाइल नंबर अपडेट रखने, पटवारी से समय पर अपनी गिरदावरी ले और ऑनलाइन पंजीकरण करवाए। ऑनलाइन पंजीकरण के समय अपना आधार कार्ड, मोबाइल, बैंक खाता, जन आधार कार्ड और गिरदावरी अपने पास रखे। ऑनलाइन पंजीकरण में की गई सभी प्रकार की प्रविष्टि ध्यानपूर्वक जांच ले। एक बार पंजीकरण हो जाने के बाद अध्यतन संभव नहीं होगी। जिस किसान के नाम से गिरदावरी है उसी के नाम से ही पंजीकरण मान्य होगा। यदि किसी व्यक्ति ने भूमि लीज पर ले रखी है या हिस्से पर ले रखी है तो दोनों में से एक ही किसान पंजीकरण करवा सकते है। कास्तकार की ओर से पंजीकरण करवाने पर भूमि मालिक का जन आधार कार्ड नंबर लगाना अनिवार्य है। और भूमि मालिक और कास्तकार के बीच अनुबंध पत्र 100 रूपए के स्टाम्प पेपर पर होना चाहिए। ऑनलाइन पंजीकरण में अपलोड की गई गिरदावरी और मूल गिरदावरी में मिलान होने के बाद ही तुलाई हो सकेगी। ऑनलाइन अपलोड गिरदावरी में संशोधन मान्य नहीं है। जिस फसल के लिए ऑनलाइन पंजीकरण किया गया है वही फसल तुलाई होगी अन्य नहीं।

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